एवरेस्ट फतह कर चुका उत्तराखंड का सपूत जम्मू कश्मीर में शहीद

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उत्तराखंड
उत्तराखंड का एक और सपूत जम्मू-कश्मीर में बीती रात शहीद हो गया। पिथौरागढ़ के रहने वाले सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू पेट्रोलिंग के दौरान कुपवाड़ा में गहरी खाई में गिरने के कारण शहीद हो गए। यमुना प्रसाद आठ साल पहले माउंट एवरेस्ट फतह कर चुके थे। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सूबेदार यमुना प्रसाद की शहादत के नमन करते हुए परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है।
पिथौरागढ़ जनपद के ओखलकांडा पदमपुर मीडार निवासी यमुना प्रसाद पनेरू बीती देर रात कुपवाड़ा में अपनी टीम का रेस्क्यू करने बर्फ से ढकी चोटियों पर थे] जहां उनका पैर फिसल गया और गहरी खाई में गिरने से उनकी मौत हो गई। उनके छोटे भाई भुवन पनेरू ने बताया कि साल 2001 में युमना प्रसाद 6 कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। यमुना प्रसाद कुशल ट्रैकर रहे हैं। उन्होंने साल 2012 में एवरेस्ट फतह कर अपने नाम नया कीर्तिमान रचा। नंदादेवी शिखर और छोटे कैलाश पर वह चढ़ चुके थे। इतनी सारी उपल्बधियां हासिल करने के बाद यमुना पनेरू ने 37 साल की उम्र में भारत मां की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर कर दिए। उनके परिवार में 7 साल का बेटा यश और 5 साल की बेटी साक्षी, पत्नी, मां महेश्वरी देवी, भाई चंद्र प्रकाश पनेरू, भुवन और भाभी समेत लाडले भतीजे-भतीजी हैं, जिन्हें वह रोता विलखता छोड़ गए हैं। वर्तमान में उनका परिवार हल्द्वानी के निकट गोरापड़ाव में रहता है।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शहीद की शहादत को नमन करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू की जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी निर्वहन के दौरान शहादत को नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीद के परिवारीजनों के साथ है।