केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तारः अजय भट्ट

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    Ajay bhatt

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता अजय भट्ट को मोदी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के रूप में शामिल किया गया है। उन्होंने बुधवार शाम पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

    मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नैनीताल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अजय भट्ट को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। वह उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के ऐतिहासिक प्रदर्शन में उनका अहम योगदान है। 2019 के आम चुनाव में उन्होंने नैनीताल लोकसभा सीट से भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी।

    रानीखेत में 1 मई 1961 को जन्मे अजय भट्ट के पिता कमला पति भट्ट और मां तुलसी भट्ट का देहावसान हो चुका है। भाजपा नेता भट्ट विधि स्नातक हैं। उनकी पत्नी पुष्पा भट्ट भी वकील हैं। उनकी पहली बेटी मेघा (विवाहित) बी-टेक और एमबीए हैं। दूसरी बेटी स्नेहा भी बी-टेक और एमबीए हैं। तीसरी पुत्री सुनीति वकालत की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं। पुत्र दिग्विजय भट्ट भी कानून की पढ़ाई कर रहे हैं।

    अजय भट्ट का पूरा परिवार भारतीय जनसंघ को समर्पित रहा है। वह कनाडा, आस्ट्रेलिया, इंग्लैण्ड,थाईलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा कर चुके हैं। वह पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1980 से वह भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय हैं।

    आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। उत्तराखंड की प्रगति के लिए डॉ. मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में पहली बार अल्मोड़ा में गिरफ्तारी दी। श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान पहली बार 10 अक्टूबर 1990 और दूसरी बार 26 अक्टूबर 1990 को उन्हें गिरफ्तार किया गया। अयोध्या कांड के बाद पहली बार रानीखेत पहुंचे मुलायम सिंह यादव का उन्होंने कड़ा विरोध किया। इस पर उन्हें गिरफ्तार किया गया।

    साल 2001 से 2002 तक वह उत्तराखंड में मंत्री रहे। रानीखेत विधानसभा सीट से वह 1996 में निर्वाचित हुए। 2002 में वह दोबारा रानीखेत से विधायक चुने गए। वह दो बार प्रदेश भाजपा के महामंत्री रहे। वह 2002 से 2007 तक विधानमंडल दल के मंत्री रहे। वह लगातार आठ साल तक मजदूर संघ को-ऑपरेटिव ड्रग फैक्टरी रानीखेत के अध्यक्ष रहे हैं। 28 अक्टूबर 2009 से 25 दिसम्बर 2011 तक वह उत्तराखंड सरकार में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकर एवं अनुश्रवण परिषद् के अध्यक्ष रहे। 19 मई 2012 से 15 मार्च 2017 तक नेता प्रतिपक्ष भी रहे।

    नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्होंने 2014 में ‘‘जन चेतना यात्रा’’ और ‘‘परिवर्तन यात्रा’’ की। दिसम्बर 2015 में उन्हें भाजपा का प्रदेश बनाया गया। 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को 57 सीटों पर ऐतिहासिक जीत मिली। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष के उनके कार्यकाल को एक वर्ष बढ़ाया।