आकाश त्रिवेणी घाट पर गंगा में हजारों ने किया दीपदान

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ऋषिकेश, रोशनी का पर्व दीपावली तीर्थ नगरी में उत्साह एवं जोशोखरोश के साथ मनाया गया। जहां एक ओर आस्था के दीपों से घर-आंगन जगमग रहे वहीं आतिशबाजी की सतरंगी छटा में आसमान देर रात तक नहाया रहा। शहर समेत पूरा ग्रामीण अंचल रंगीन आतिशबाजी व पटाखों की आवाजों से गुंजायमान रहा। लोगों ने घर और प्रतिष्ठानों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का विधिवत पूजन अर्चन कर सुख-समृद्धि की मंगल कामना की।
प्रकाश पर्व पर ऋषिकेश रंगबिरंगी रोशनी से पूरी तरह नहा गया। वैसे तो शनिवार को ही सभी लोगों ने पूजा के लिए खील और खिलौनों की खरीदारी कर ली थी, इसके बावजूद रविवार को पर्व के दिन भी देर रात तक बाजार में खील व खिलौनों के साथ ही पटाखों की खरीददारी होती रही। आतिशबाजी की दुकानों पर तो देर रात तक मेला लगा रहा। प्रकाश पर्व पर शाम ढलते ही घर-आंगन रोशनी से जगमगाने लगे। इसके बाद से पूजन का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने घर एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर विधिवत लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की मंगल कामना की। लोगों ने त्रिवेणी घाट स्थित गंगा तट पर पहुंच कर भी विशेष पूजा-अर्चना की। घरों के साथ ही मंदिर परिसर में दीयों को रोशनी से जगमगा उठे।
ऋषिकेश सहित राम झूला एवं लक्ष्मण झूला क्षेत्र में भी एक से बढ़कर एक आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला। यूं तो आतिशबाजी इस बार गत वर्ष की अपेक्षा काफी महंगी थी लेकिन पर्व मनाने के लिए आतिशबाजी के शौकीनों ने जेब की कोई परवाह नहीं की। आकाश में तेज आवाज के साथ आतिशबाजी के रंगीन नजारे बिखेरने वाले चाइनीज पटाखों के अलावा अन्य रोशनी बिखेरने वाले पटाखे भी खूब चले। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में आतिशबाजी के स्टॉल लगाये गये थे। जहां लोगों ने अपनी पसंद के पटाखे खरीदे। शहर भर में दीपावली पर्व पर एक करोड़ से ज्यादा रुपये आतिशबाजी पर स्वाह कर दिये गये।