1 अगस्त से उत्तराखंड में पॉलिथीन के इस्तेमाल पर पाबंदी

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हाई कोर्ट और एनजीटी की सख्ती के बावजूद पॉलीथिन के उपयोग में रोक लगती नजर नहीं आ रही है। प्रदेशभर में धड़ल्ले से प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है। गंगा घाटों पर तो पॉलिथीन बैन होने के बावजूद भी इसे उपयोग में लाया जा रहा है। इसके बढ़ते इस्तेमाल को रोकने के लिए अब उत्तराखंड सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ट्वीट कर साझा की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों से पॉलीथिन का प्रयोग न करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन के प्रयोग से हमारा पर्यावरण तो प्रदूषित होता ही है, साथ ही, कृषि, पशु एवं पक्षियों को भी बहुत हानि पहुंचती है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से प्रदेश को स्वच्छ रखने एवं पॉलीथिन का प्रयोग न करने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1 अगस्त 2018 से पॉलीथिन के प्रयोग पर सख्ती करने का निर्णय लिया गया है, ताकि प्रदेश को स्वच्छ एवं निर्मल बनाया जा सके। 

सरकार ने एक अगस्त से प्रदेश भर में पॉलीथिन को बैन करने के लिए भारी-भरकम जुर्माना लगाने का फैसला लिया है। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पॉलीथिन बैन हैशटेग का इस्तेमाल करते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान में एक कदम बढ़ाते हुए उत्तराखंड को पॉलीथिन मुक्त करने का संकल्प लिया है। हरिद्वार गंगा का तट होने के कारण यहां पर इसका फोकस अधिक रहेगा। अभी तक एनजीटी के आदेश के बाद भी गंगा के घाटों पर बड़ी मात्रा में पॉलीथिन की बिक्री हो रही थी। डीएम व नगर निगम की छापेमारी का असर पॉलीथिन का सामान बेचने वालों पर असर नहीं हो रहा था। अब उम्मीद जगी है कि पॉलीथिन की बिक्री के खिलाफ प्रदेश सरकार संजीदा हुई है और इस निर्देश से इस पर रोक लग सकेगी।

प्रदेश सरकार ने पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले पर जुर्माने के भी निर्देश दिए हैं। इसका इस्तेमाल करने पर दुकानदारों पर 5000, ठेली वालों पर 2000 व ग्राहकों पर 500 तक का जुर्माना लगेगा। कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पॉलीथिन का प्रयोग बंद कर दें और इस मुहिम में अपना सहयोग दें।