पहाड़ का जीवन: जिन्दगियों से खिलवाड़ करती सड़कें

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(गोपेश्वर) चमोली जनपद में 178 सड़कें ऐसी हैं, जो आरटीओ से पास नहीं है। पर इन सडकों पर वाहन सरपट दौड रहे है। ऐसे में कभी कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। इन सडकों पर दौडने वाले वाहनों में सवार लोगों की जिंदगियों की सुरक्षा की जिम्मदारी कौन लेगा कोई बोलने वाला नहीं है।
रविवार की करछों मोटर मार्ग की दुर्घटना भी इसकी एक बानगी है। तपोवन करछो मोटर मार्ग भी आरटीओ पास नहीं है। ऐसे में यहां घटी घटना में तीन लोग घायल हो गये है। यदि कोई बडा हादसा हो जाता तो दुर्घटना के शिकार लोगों के घर वालों को कोई मुआवजा भी नहीं मिल पाता। चमोली जिले के सडके भगवान भरोसे है। सडक सुरक्षा के नाम पर अधिकांश सडकों पर पैराफिट अथवा सडक के किनारे गार्डर नहीं लगे है। जिससे हर समय दुर्घटना की शंका बनी रहती है। इनमें से कुछ सडके तो ऐसी है जिनम पर एक बडी आवादी की आवाजाही हर वक्त रहती है। जिनमे पोखरी गोपेश्वर मोटर मार्ग, नंदप्रयाग घाट, लासी सरतोली मोटर मार्ग भी शामिल है। जिसमें क्षेत्र की अधिकांश जनता आय दिन गुजरती है लेकिन इन मोटर मार्गों पर यातायात सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि हर माह जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सडक सुरक्षा को लेकर मैराथन बैठकें होती है बावजूद इसके इन सडकों की सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम आज तक नहीं हो पाया है। वहीं जो सडके आरटीओ पास नहीं है उन सडकों पर भी वाहन सरपट दौड रहे है ऐसा नहीं है कि पुलिस, प्रशासन व आरटीओ को इसकी जानकारी नहीं है पर सब आंखे मुंदे रहते है घटना के कारित हो जाने पर सबकी आंखे खुलती है और एक दूसरे के सर घटना की जिम्मेदारी बता कर अपने को बचने का प्रयास करते नजर आते है।
आरटीओे चमोली एल्वीन का कहना है कि सडकों के निर्माण के बाद संबंधित विभाग और प्रशासन परिवहन विभाग को सूचना देता है कि अमूक सडक बना दी गई है उस सडक का सर्वे करने के बाद मानकों के निर्धारण के बाद ही विभाग सडक को परिचालन के लिए स्वीकृति देता है मगर जिले में सडक निर्माण विभागों के माध्यम से कोई जानकारी नहीं दी गई है कि कब किसने कितनी सडक बनायी इसकी संख्या भी प्रशासन के पास होती है। यह सूची आरटीओ के पास नहीं होती है जब सूची मिलेगी तभी आरटीओ उस पर कोई कार्यवाही करेगा।
जब नहीं है आपस में समन्वय तब कैसी होगी हालत अंदाजा लगाया जा सकता है
जिले में राजमार्ग के अतिरिक्त पीएमजीएसवाई, लोनिवि, एडीबी आपदा के माध्यम से सडको का निर्माण किया जाता है। आरटीओ ने बताया जिन 178 सडकों की सूची मिली है वह आरटीओ पास नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि सडकों के मामले में पूरा तंत्र कैसे गैर जिम्मेदार है घटना होने के बाद ही सब हरकत में आते है।