मंथन में निकलेगा कितना अमृत, कितना विष

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देहरादून,  देव और दानवों के बीच हुए समुद्र मंथन में अमृत और विष दोनों ही निकले थे। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के मंथन में क्या निकलेगा, इस पर अब सबकी निगाह है। अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने से पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंत्रियों के विभागों की समीक्षा के लिए मंथन कार्यक्रम आयोजित किया है। 13 फरवरी को सीएम अपने निवास में विभागवार कमजोर और मजबूत बिंदुओं की समीक्षा करेंगे।
सीएम के इस कार्यक्रम ने उस उत्सुकता को और भी बढ़ा दिया है, जिसमें तीन मंत्रियों के खाली पद भरे जाने की बातें होती रहती हैं। क्या विभागों की समीक्षा के बाद यह बात और तेजी से उठेगी कि कामकाज के दबाव को कम करने के लिए मंत्रिमंडल के सदस्यों को बढ़ाया जाना चाहिए। सीएम खुद पिछले दिनों इसकी जरूरत बता चुके हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत पहले दिन से मंत्रियों को बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। इसके अलावा मंथन के नतीजों से जुड़ी एक और उत्सुकता है। अपने मंत्रिमंडल के दो राज्यमंत्रियों धन सिंह रावत या रेखा आर्या में से किसी का कद बढ़ाने के लिए क्या सीएम आगे कदम बढ़ा सकते हैं। धन सिंह रावत को कैबिनेट का दर्जा दिए जाने की लगातार चर्चाएं होती रही हैं।
विधानसभा के 2022 में चुनाव प्रस्तावित हैं। इससे पहले कामकाज में और तेजी लाने का त्रिवेंद्र सरकार पर दबाव है। त्रिवेंद्र सरकार के मार्च में तीन साल पूरे हो रहे हैं। इन तीन सालों में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुलकर काम किया है। पिछले एक साल के भीतर उनकी स्थिति और मजबूत हुई है। हालांकि पार्टी में उनके विरोधी इस बात को हवा देने की हमेशा से कोशिश में है कि चुनाव से पहले सीएम को बदला जा सकता है। मगर आज की तारीख में मोदी-शाह की जोड़ी की नजर में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नंबर कम नहीं हुए हैं। मंथन कार्यक्रम के जरिये सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जनता से सीधे जुडे़ विभागों को और कसने की कोशिश करेंगे। अगले दो वर्षों के लिए कार्यक्रमों का रोड मैप भी इसके बाद सरकार तैयार कर सकती है।