‘राम मंदिर मुद्दे को धर्म गुरु और अखाड़ा परिषद सुलझाएंगे’

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श्री बनखण्डी साधु बेला आश्रम के पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि अब समय आ गया है कि अयोध्या में श्रीरामलला का मंदिर निर्माण संत महापुरुषों के सानिध्य में शीघ्र होगा।

भारत की सर्वोत्तम संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज भी चाहते हैं कि देश के धर्माचार्यों के सानिध्य में शीघ्र राम मंदिर का निर्माण हो क्योंकि राम मंदिर में करोड़ों हिन्दुओं की आस्था जाग चुकी है, अगले माह सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले पर फैसला भी आने वाला है। कोर्ट के फैसले के बाद संत महापुरुष चाहते हैं कि करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को ध्यान मे रखते हुए मंदिर निर्माण शीघ्र होना चाहिए।

स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने बताया कि अब देश के समस्त संत समाज को एकजुट होकर अयोध्या मसले पर खुलकर सामने आना होगा। तभी रामलला का मंदिर बनने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी शक्तियां हमारे संत समाज को बदनाम करने की साजिशें रच रहे हैं, जिसे संत समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और संतों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को कतई बक्शा नहीं जाएगा। भारतीय संस्कृति का परचम देश के साथ-साथ विदेशों में भी हमारे संत महापुरुषों ने फहराया है और हमारी सनातन परम्पराओं को पूरे विश्व में प्रचारित-प्रसारित किया।

स्वामी ने कहा कि आदि अनादिकाल से गुरु शिष्य की परम्परा का निर्वाह होता चला आ रहा है क्योंकि गुरु ही शिष्य का परमात्मा से साक्षात्कार कराता है और गुरु ही परमात्मा का दूसरा स्वरुप कहलाते हैं। इसीलिए शिष्य को चाहिए कि अपने से बड़ों का आदर सत्कार करें और अपने गुरुजनों की सेवा करें और भारतीय सनातन परम्पराओं का निर्वाह बखूबी करते रहें। उन्होंने श्रीश्री रविशंकर के लिए कहा कि जो पहल राम मंदिर के मुद्दे को लेकर अब शुरू की है। यह पहल बहुत पहले श्रीश्री रविशंकर को करनी चाहिए थी क्योंकि राम मंदिर के मुद्दे को लेकर कई धर्मगुरु और धर्माचार्य वर्षो से मंदिर मसले को सुलझाने को लेकर प्रयासरत है। इसीलिए अब देश के सभी संत महापुरुषों को रामलला के मंदिर को लेकर एकजुटता दिखानी चाहिए, तभी अयोध्या में राम मंदिर बनेगा।