रजनी रावत: उत्तराखंड ट्रांसजेंडर कैंडिडेट

0
1279

उत्तराखंड राज्य के इतिहास में यह पहली बार नहीं है जब किसी ट्रांसजेंडर जो पहले प्रदेश की राजधानी देहरादून की मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं, 2012 में रायपुर क्षेत्र से विधानसभा चुनाव के साथ ही टिहरी सीट से निर्दलीय एम.पी चुनाव लड़ने का फैसला(कांग्रेस पार्टी के सर्पोट में आखिरी पल में अपना नामांकन वापस ले लिया) किया हो।

ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी की देहरादून हेड रजनी रावत ने 41 साल की उम्र से चुनाव को और ज्यादा रंग और अपने प्रतिद्वदों को कठिन लड़ाई दी है। 2008 से 2017 के चुनाव में एक बार उन्होंने अपना नामांकन रायपुर क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी की तरह भरा है।रवीना जो एक युवा ट्रांस्जेंडर है वह सबकी तरफ से कहती हैं, “जनता ने आज भी मैडम को वही मान,सम्मान और प्यार दिया है।चुनाव जनता से होती है नेता से नहीं होती, और हमारी मैडम जनता की सेवा करती है,फ़कीर है,अगर मैं दो रोटी आपसे मांग कर खा सकती हूं तो आपसे वोट भी मांग सकती हूं,शर्म नेता को आनी चाहिए जो 5 साल में आते है वोट लेते हैं और चले जाते है।” पूर्ण विश्वास के साथ बोले गई बात।

यह लोगों का प्यार ही है जिसने 41 साल की देहरादून की रजनी रावत को एक निर्दलीय प्रत्याशीकी तरह खड़ा कर दिया है,जिन्हें उनके सर्मथक प्यार से मैडम बुलाते हैं, रजनी रावत नेता वादा करती है, ‘बीजेपी कांग्रेस दोनों पर मैं भारी पड़ूंगी,’ शायद राजनीति के विषय में उनके अपनी कोई अलग प्लानिंग है,लेकिन जैसे वह देहरादून की सकरी गलियों में चुनाव कैंपेन कर रही,भीड़ दिल खोल के उनका स्वागत कर रही और उनके वादों को सुनने के लिए तत्पर रह रही है।हालांकि बहुत से लोगों को उनकी जीत पर आशंका है लेकिन काफी लोगों को लगता है कि उनकी पापुलारिटी बहुत से प्रत्याशीयों के चुनाव समीकरण को गड़बड़ा देगी।