उत्तराखंड के पानी व जवानी बचाने को सचिवालय घेराव करेगा उसमा

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आइएएस

विकासनगर। प्रदेश से पलायन रोकने व पानी का सदुपयोग करने में प्रदेश सरकार पर असमर्थ रहने का आरोप उत्तराखंड संवैधानिक संरक्षण मंच ने प्रदेश सरकार पर लगाया। मंच की कोर कमेटी की बैठक के बाद मीडिया को जारी बयान में मंच के प्रदेश संयोजक व प्रदेश सह प्रवक्ता अरविंद शर्मा ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस बारी-बारी से प्रदेश के संसाधनों का दोहन कर जनता का शोषण किया है। प्रदेश में घोटाले व दल बदल की संस्कृति को बढ़ावा देकर दोनों ही राष्ट्रीय दलों ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेकीं है।

मंच के प्रदेश सह प्रवक्ता शर्मा ने कहा सूबे के किसानों का कर्जा माफ कराने, राज्य गठन के बाद से ही प्रदेश में नब्बे सरकारी महकमों के 15907 बैकलाग के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने व उत्तराखंड में जगह-जगह चैक स्कीम को लिफ्ट योजना से जोड़कर स्थानीय किसानों को सिंचाई सुविधा मुहैया कराने की मांग को लेकर मंच आगामी 25 अक्टूबर को सचिवालय का घेराव करेगा। इसके साथ ही मंच उत्तराखंड के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों को मालिकाना हक दिए जाने, औद्योगिक क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को सत्तर प्रतिशत रोजगार दिए जाने, प्रदेश में बंद पड़ी उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए भी सरकार पर दबाव डाला जाएगा।
मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर ने कहा कि प्रदेश में लंबे समय से एससी, एसटी, ओबीसी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि प्रदेश के औद्योगिक व व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कई बाल श्रमिक मजदूरी कर रहे हैं लेकिन सरकार के पास इन बाल श्रमिकों के शिक्षा व पुनर्वास के लिए कोई नीति नहीं है। बताया कि सभी मसलों पर सरकार का ध्यान आकर्षित कर प्रदेश का पानी व जवानी बचाने के लिए 25 अक्टूबर को सचिवाल घेराव किया जाएगा जिसके बाद मंच चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगा।