सचिवालय कूच के दौरान पुलिस से नोक झोक, लाठीचार्ज

0
569
रासुका
Representative Image

देहरादून। रोजगार की मांग को सचिवालय कूच के दौरान युवाओं की गिरफ्तारी को लेकर विवाद हो गया। झड़प के बीच युवाओं ने पुलिस पर पत्थर फेंके तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। इसके बाद आक्रोशित युवाओं ने परेड मैदान में बेमियादी धरना शुरू कर दिया। उधर, हरिद्वार में भी बेरोजगार युवाओं ने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का घेराव किया।
सोमवार सुबह बेरोजगार संघ के बैनर तले परेड मैदान में प्रदेशभर से बेरोजगार युवा एकत्र हुए। जहां से 14 सूत्रीय मांगों को लेकर उन्होंने सचिवालय कूच किया। इस बीच सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक ने पर उनकी पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की हुई। और, इसके बाद युवा वहीं धरने पर बैठ गए और मुख्य सचिव से वार्ता की जिद पर अड़ गए। ज्ञापन लेने एसडीएम प्रत्यूष कुमार पहुंचे, लेकिन संघ के पदाधिकारियों ने साफ मना कर दिया। कहा कि जब तक कोई सक्षम अधिकारी वार्ता कर उन्हें उचित आश्वासन नहीं देता, वे धरने पर बैठे रहेंगे। इस पर पुलिस अधिकारियों ने दोपहर तीन बजे युवाओं की गिरफ्तारी का फैसला लिया और उन्हें गाडिय़ों में बैठाना शुरू कर दिया। इस पर मामला बिगड़ गया। पहले युवाओं को जबरन गाडिय़ों में धकेलने को लेकर एक पुलिसकर्मी से झड़प हुई। इससे युवा आक्रोशित हो गए और पुलिस पर पत्थर उछाल दिया। इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। जिसे लेकर भगदड़ मच गई और युवा बचने के लिए इधर-उधर भसगने लगे। जहां सैकड़ों युवाओं की भीड़ जमा थी, वहीं कुछ मिनट के भीतर ही सन्नाटा पसर गया। इस दौरान महासचिव कुलदीप चौहान, यशपाल बिष्ट, सचिन थपलियाल, जयदीप सकलानी, प्रियंका वर्मा, कमलेश भट्ट, गिरेश रावत, सुनील रावत आदि मौजूद रहे।

पुलिस पर लगाया पहले लाठीचार्ज का करने का अरोप
बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि युवाओं ने पहले पत्थर नहीं फेंके। जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया, उसके बाद बचाव में पत्थर फेंके गए। बेरोजगार युवाओं के साथ पुलिस का यह व्यवहार गलत है। जल्द ही आंदोलन की रणनीति घोषित कर दी जाएगी।
सरकार से छीनेंगे अपना हक
सचिवालय कूच के दौरान वक्ताओं ने कहा कि बेरोजगार युवाओं की सं या लगातार बढ़ रही है। जिन पदों पर भर्ती हो रही है, उनमें घोटाले सामने आ रहे हैं। तमाम विभागों में हजारों पद रिक्त हैं, लेकिन भर्ती को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है। अब युवाओं ने अपना हक सरकार से छीनने का फैसला लिया है।

ये हैं मांगें

  • अधियाचन के माध्यम से समाप्त किए गए 10 हजार पदों पर परीक्षा प्रक्रिया शुरू की जाए।
  • समूह ‘ग’ के सभी खाली पद भरें जाएं और परीक्षा का एक नियमित पाठ्यक्रम व वार्षिक कैलेंडर बनाया जाए।
  • पटवारी के 1200, वन आरक्षी के 1500, पुलिस के 1800 समेत प्रवर्तन सिपाही, आबकारी आदि के रिक्त पदों पर नियुक्ति हो।
  • वन आरक्षी की भर्ती में चयन की आयु 28 वर्ष से बढ़ाकर 42 वर्ष की जाए।
  • उद्यान विभाग में पर्यवेक्षक की भर्ती को पूर्व नियमावली के अनुसार यथावत रखा जाए।
  • एलटी व प्रवक्ता के 700 पद 29 दिसंबर, 2016 से पुरानी नियमावली के तहत बहाल किए जाएं।
  • विद्यालयों में योग शिक्षक व शारीरिक शिक्षक के पद बहाल हों।
  • डिप्लोमा फार्मेसी के पदों पर विज्ञप्ति जारी हो।
  • पेयजल निगम में अभियंताओं के साथ पॉलीटेक्निक प्रवक्ता, अनुदेशकों, आइटीआइ अनुदेशकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो।
  • राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा यूपीएससी की तर्ज पर हो।
  • सहायक लेखाकार के पदों में ‘ओ’ लेवल की अनिवार्यता समाप्त की जाए।