लॉक डाउन का मिलाजुला असर, वाहन लेकर सड़कों पर उतरे लोग

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रशासनिक अधिकारियों को लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों से भी आग्रह किया है कि “कोरोना वायरस संक्रमण” के बचाव के लिए लोग अपने घरों में रहें। लोगों को स्वस्थ और सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है, इसलिए सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। इसीलिये राज्य में 31 मार्च तक लॉक डाउन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने जारी एक वक्तव्य में कहा कि कोरोना वायरस हमारे लिए एक नई चुनौती लेकर आया है। इस चुनौती से निपटने लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। बिजली, पानी, हेल्थ, सेनिटेशन, परिवहन जैसी आवश्यक सुविधाएं पहले की ही तरह उपलब्ध हैं। खाद्यान्न, तेल सब्जियां, फल, पेट्रोल, डीजल आदि रोजमर्रा की जरूरतों की सप्लाई में भी किसी तरह की कमी नहीं है। आगे भी सभी आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए प्रदेश के लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें। अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी प्रामाणिक सूचनाओं पर विश्वास रखें। कृपया लॉक डाउन के दौरान बाहर बिल्कुल न निकलें।
गौरतलब है कि सोमवार की सुबह देहरादून के कई इलाकों में लोग जनता कर्फ्यू की अनदेखी कर रोजमर्रा के कामकाज पर निकलने लगे। कई स्थानों पर पुलिस की टोकाटाकी ऐसे लोगों को रास नहीं आई और वह पुलिसकर्मियों के साथ तमाम तरह के तर्क-कुतर्क करते और उलझते नजर आए। सरकारी आदेशों का पालन कराने के लिए पुलिस को किशन नगर चौक, पंडितवाड़ी, घंटाघर समेत विभिन्न इलाकों में बेरिकेडिंग लगानी पड़ी। जहां पर पूछताछ के बाद पुलिस वाजिब कारण बताने वालों को जाने दे रही थी लेकिन लोगों के बेवजह सड़क पर निकलने से पुलिस और प्रशासन के समक्ष इससे निपटना बड़ी चुनौती बन गई। हालांकि कई इलाकों में लोग आज भी जनता कर्फ्यू का बखूबी पालन कर रहे हैं।
हरिद्वार,  उत्तराखंड लॉक डाउन के बाद हरिद्वार में इसका मिलाजुला असर देखने को मिला। रविवार देर रात बस अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली। लोग अपने घरों तक पहुंचने के लिए मारामारी करते दिखे। लॉकडाउन के बाद व्यापारिक प्रतिष्ठानों समेत संस्थानों को लॉक डाउन किया गया। हालांकि, इसमें जरूरी सेवाओं को बाहर रखा गया है। इसके बावजूद कई लोग सड़कों पर दिखाई दिए। जनता कर्फ्यू की तरह आज सड़कों पर सन्नाटा नहीं था। लोग घरों से बाहर निकले और इस दौरान पुलिस भी लॉक डाउन को सफल बनाने में जुटी दिखाई दी। पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान लोगों से आई कार्ड लिये और जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही उनके गंतव्य की तरफ जाने दिया। इसके बावजूद कुछ लोग कोरोना के खतरे से बेपरवाह दिखायी दिए। झुंड बनाकर कुछ लोग घूमते दिखे।
कनखल चौक बाजार में काफी संख्या में लोगों को जमावड़ा देखने को मिला। जरूरी कार्य से घर से निकले लोगों को तो पुलिस ने पूछताछ कर जाने दिया किन्तु ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जो झुंड बनाकर खड़े रहे। लोगों की आवाजाही बढ़ता देख चन्द्राचार्य चौक पर पुलिस को लाठी भी फटकारनी पड़ी। जनता कर्फ्यू की तरह लोगों ने लॉकडाउन का कोई खास समर्थन नहीं किया। लॉकडाउन के बाद हरिद्वार आने वाले यात्री रविवार देर रात बस अड्डे पर बड़ी संख्या में पहुंचने लगे लेकिन बसों की संख्या कम होने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए अलग से बसों का इंतजाम भी किया गया। इसके बावजूद यात्रियों को कई-कई घंटे बस अड्डे पर बिताने पड़े। इसको लेकर यात्रियों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली। सोमवार को भी बस अड्डे पर लोगों की काफी भीड़ देखने को मिली जबकि रलवे स्टेशन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। कुल मिलाकर जनता कर्फ्यू की तरह लॉक डाउन का असर लोगों में कम देखने को मिला।
जनता व पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहा लाॅक डाउन
श्रीनगर,  नगर में आधी-अधूरी तैयारियों के बीच लाॅक डाउन जनता व पुलिस के लिए सिर दर्द बन गया है। सोमवार सुबह से ही लोग सड़कों पर निकलने शुरू हो गए। नगर में अधिकांश छोटी बड़ी दुकानें खुल गईं। कुछेक जागरूक व्यापारियों ने ही अपनी दुकाने बंद रखीं। नगर से सटे श्रीकोट में भी ऐसा ही हाल दिखा। सार्वजनिक स्थानों पर धारा 144 का साफ तौर पर उल्लंघन देखने को मिला।
जनता कर्फ्यू के बाद अचानक सरकार द्वारा 31 मार्च तक लाक डाउन के आदेश तो जारी कर दिया गया लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी ऐसी गाइड लाइन बडे माध्यमों से जारी नहीं की गयी, जो आम व्यक्तियों तक पहुंच सके। सोमवार दोपहर तक लोग समझ नहीं सके कि आखिर लाॅक डाउन क्या होता है। सुबह से ही मजदूर कामों पर जाने लगे। लोग बाजारों में घूमने फिरने लगे, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को दिन भर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सामाजिक कार्यकर्ता गिरिश पैन्यूली, व्यापार सभा के जिला अध्यक्ष वासुदेव कंडारी, लक्ष्य फाउंडेशन के जितेन्द्र धीरवान नगर भर में घूम-घूम कर जनता से घरों में जाने की अपील करते रहे।
जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि लाॅउड स्पीकर के माध्यम से जनता से अपील की जा रही है। लाॅक डाउन का पालन करने के लिए अधिकारियों काे निर्देश दिये गये हैं।