यूपी उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के पैतृक गांव से चकबन्दी की होगी शुरुआत

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    पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी की मांग अब पूरा होने जा रही है । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांवों से होगी चकबन्दी की शुरुआत। चकबंदी को लेकर आयोजित कार्यशाला में चकबंदी विशेषज्ञों ने काश्तकारों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण किया। बैठक में जिलाधिकारी तथा हरिद्वार व रुड़की के चकबंदी विशेषज्ञों ने ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी विशेषताओं व अन्य लाभों से काश्तकारों को रूबरू कराया।

    जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में शीघ्र ही चकबंदी समिति का गठन किया जायेगा। बताया गया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के पैतृक गांवों में शीघ्र ही चकबंदी की जायेगी। ब्लॉक के ग्राम सभा लखोलयोजित कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ जिलाधिकारी सुशील कुमार व ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत ने किया।
    कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत ने चकबंदी ‘‘स्वैच्छिक या अनिवार्य‘‘ जैसे मुद्दों पर ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं से जिलाधिकारी व विशेषज्ञों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों में मन में चकबंदी को लेकर विभिन्न शंकाएं हैं। उन्होंने कहा कि काश्तकार चकबंदी की उपयोगिता व इसके दूरगामी परिणामों के बारे में भी बेहद चिंतित हैं। ग्रामीणों की शंकाओं का निस्तारण करते हुए जिलाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में काश्तकारों की भूमि का वास्तविक मूल्यांकन किया जा सके इसके लिए चकबंदी बेहद जरूरी है।
    जिलाधिकारी ने कहा कि चकबंदी काश्तकारों की सहमति पर ही होगी। उन्होंने कहा कि चकबंदी से काश्तकारों को खेती का और विकास करने में सहायता प्राप्त मिलेगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवाद जैसे मामलों पर नकेल लगाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि संबंधी विवादित प्रकरणों के निस्तारण को लेकर शीघ्र ही चकबंदी समिति का गठन किया जायेगा। जिसमें समिति के अध्यक्ष ग्राम प्रधान समेत सात सदस्यों को नामित किया जायेगा। उन्होंने ने बताया कि चकबंदी होने से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास कार्य केवल सरकारी भूमि पर ही किये जाएंगे ना कि ग्रामीणों की भूमि पर।
    जिलाधिकारी ने कहा कि शहरों में भूमि के दाम आसमान छूने व वातावरण प्रदूषित होने के चलते लोग फिर से घर गांव की ओर आना शुरू हो गये हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पुनः चहल कदमी बढ़नी शुरू होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पैतृक गांव खैरा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव पंचुर तथा कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के पैतृक गांव उड़ी आदि गावों में चकबंदी किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महिला समूहों का गठन करने को कहा। उन्होंने कहा कि समूहों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ शीघ्र ही प्राप्त हो सकेगा।
    जिलाधिकारी ने बताया कि महिला समूहों के लिए सरकार की ओर से कई स्वरोजगार परक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। इस मौके पर जिलाधिकारी ने लखोली में पंचायत घर की स्वीकृति भी प्रदान की। कार्यशाला में हरिद्वार व रुड़की के चकबंदी विशेषज्ञ डीएस नेगी तथा अनिल कुमार ने काश्तकारों को कई तकनीकी जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि पंजाब, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश में चकबंदी से काश्तकारों को खेती में रिकार्ड मुनाफा प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि चकबंदी से भूमि संबंधी अभिलेखों का शुद्धीकरण, बेनामा, दाखिलखारिज, भूमि का एकीकरण तथा खाता खतौनियों आदि के सत्यापन कार्य तेजी से किया जायेगा। इसके अलावा काश्तकारों को भूमि संबंधी कई समस्याओं का स्वतः ही निस्तारण भी हो सकेगा।
    इस मौके पर ग्राम प्रधान लखोली वेद प्रकाश रावत समेत स्यालधार, कमेड़ी, मेलगांव आदि के ग्राम प्रधान, बीडीओ डीडी नथवान, तहसीलदार हरिमोहन खंडूरी, सहायक चकबंदी अधिकारी चंद्रप्रकाश आर्य आदि उपस्थित रहे।