दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचे आईटी तकनीकः सीएम

0
740

देहरादून। प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक आधुनिक सूचना तकनीक की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बल दिया। प्रदेश का डाटा बेस सेन्टर शीघ्र तैयार करने, सभी न्याय पंचायतों में कामन सर्विस सेन्टर(सीएसएस) की स्थापना के साथ ही वैलून तकनीक के उपयोग पर ध्यान देने के भी निर्देश उन्होंने दिए है। आईटी के क्षेत्र में भारत सरकार के सहयोग से संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए है।

सोमवार को सचिवालय में आईटी विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच गांवों तक सुनिश्चित हो व शासकीय कार्यकलापों, कार्यक्रमों व योजनाओं के साथ ही जन सुविधाओं से सम्बन्धित विभिन्न विषयों को आईटी से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों तक आईटी की पहुंच सुनिश्चित होने से ग्रामीण क्षेत्रों तक योजनाओं व सुविधाओं का लाभ सुलभ हो सकेगा तथा शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। इससे स्मार्ट विलेज की कल्पना भी साकार हो सकेगी तथा ग्रामीण क्षेत्रों तक आधुनिक शिक्षा के प्रसार एवं स्वस्थ मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर सूचना प्रौद्योगिकी का है। अतः इस दिशा में सभी विभागों को प्रभावी पहल करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को आधार कार्ड बनाने में परेशानी न हो इसके लिए जिलाधिकारियों को आधार किट उपलब्ध कराई जाएं तथा शासकीय कार्यालयों के माध्यम से भी यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी विभागों में आईटी विभाग से समन्वय स्थापित कर योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने को कहा। आईटी विभाग के पुनर्गठन के लिए आवश्यक पदों के सृजन पर भी उन्होंने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि आईटी के अधिक से अधिक उपयोग से कार्यो में पारदर्शिता व सुगमता आएगी।
बैठक में निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अवगत कराया कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में संचार व्यवस्था के लिए एयरोस्टेट (बैलून) की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए आईआईटी मुम्बई से एमओयू किया गया है। परियोजना का प्रथम ट्रायल अहमदनगर में किया जा चुका है, जबकि दूसरा ट्रायल उत्तराखण्ड में अप्रैल में प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के अन्तर्गत ई साक्षरता के लिए मार्च 2019 तक पांच लाख छः हजार लोगों को प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। 1.45 लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आईटी स्मार्ट विलेज के तहत चमोली जिले के घेस गांव को प्रारम्भिक चरण में आईटी सक्षम बनाया जाना प्रस्तावित है। मार्च 2018 तक घेस गांव में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) प्रारम्भ किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। चमोली जिले के हिमनी तथा घेस गांवों के प्राथमिक विद्यालयों के लिए आधुनिक ऑल इन वन डिवाइस ‘के-यान’ उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राज्य में ड्रोन पर शोध एवं प्रशिक्षण का कार्य किया जाएगा। मार्च 2018 तक एनटीआरओ केंद्र प्रारम्भ किये जाने की योजना है। वर्ष 2018 में सभी 7095 ग्राम पंचायतों को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। अभी 6226 ग्राम पंचायतों में सी.एस.सी स्थापित हैं। प्रदेश के नागरिकों को प्रमाण पत्र एवं अन्य सेवाओं के लिए 131 ई-डिस्ट्रिक्ट केन्द्र, 16 सेवायोजन केन्द्र तथा 2160 कार्यशील सीएससी के माध्यम से 16 सेवाएं पौड़ी तथा 13 सेवाएं राज्य के अन्य जिलों में प्रदत्त हैं। तहसील एवं ब्लॉक स्तर तक सीधे समीक्षा के लिए जून 2018 तक वीडियो कान्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की जाएगी। सरकारी कार्यालयों में आधार किट स्थापित कर नागरिकों को आधार पंजीकरण को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। भारत सरकार के ‘उमंग एप’ के माध्यम से नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। ये सेवाएं अप्रैल 2018 से प्रारम्भ हो जाएंगी। बैठक में सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, सचिव आईटी रविनाथ रमन, अपर सचिव मेहरबान सिंह बिष्ट, विशेष कार्याधिकरी मुख्यमंत्री अभय सिंह रावत समेत एनआईसी एवं आईटीए आदि विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।