कोरोनोः आईआईटी रुड़की ने विकसित किया स्टरलाइजिंग सिस्टम

0
663
आईआईटी
आईआईटी रुड़की ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्टरलाइजिंग सिस्टम विकसित किया है। संस्थान के शोधकर्ताओं की टीम ने लैबोरेटरी ऑफ इंटीग्रेटेड नेनो फोटोनिक्स ऐंड बॉयोमैटेरियल्स के प्रो. सौमित्र सतपथी के नेतृत्व में डिसिन्फेक्शन बॉक्स तैयार किया है। इसका उपयोग कोरोना वायरस से बचाव के लिए चिकित्सा उपकरण, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और परिधानों समेत कई प्रकार के व्यक्तिगत सामानों के सेनेटाइजेशन के लिए किया जा सकता है।
यूनिसेव्यर नामक इस बॉक्स में मेटल कोटेड विशेष रूप से डिजाइन किए गए हाइली रिफलेक्टिव जियोमेट्री लगे हैं। यह यूवीसी लाइट के अंशशोधित निकास से व्यक्तिगत सामान को सेनेटाइज करेगा। इस बॉक्स में स्वदेशीय विकसित मेटल ऑक्साइड के साथ-साथ हर्बल एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल परतों की सूक्ष्म कोटिंग की गई हैं। यह यूवीसी लाइट के उपयोग में नहीं होने पर सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकता है। उपयोगकर्ता के अनुकूल डिजाइन किए गए इस डिवाइस में यूवीसी लाइट के लिए एक अतिरिक्त सुरक्षा स्विच लगा है।
आईआईटी रुड़की में भौतिकी के एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. सौमित्र सतपथी ने कहा कि कोविड-19 ने ट्रैन्स्मिशन रिस्क को कम करने के लिए समग्र स्वच्छता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया है। स्टरलाइजिंग सिस्टम विभिन्न व्यक्तिगत सामानों के सेनेटाइजेशन में मदद करेगा और स्वच्छता के उच्चतम मानक को बनाए रखने के लिए मॉल, सिनेमा हॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर आसानी से इसका उपयोग किया जा सकता है। यूनिसेव्यर बॉक्स यूवीसी लाइट के टाइम एक्स्पोजर और इंटेंसिटी को नियंत्रित करने के लिए एक आरडूइनो-प्रोग्राम्ड सिस्टम से लैस है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया कोरोना महामारी के बीच सामान्य स्थिति में लौटने का प्रयास करती है, यह उपकरण सुरक्षा सुनिश्चित करने में काफी मददगार साबित होगा।
इस शोध में टीम के अन्य सदस्यों पीएचडी के छात्र प्रथुल नाथ, नवीन कुमार टैलर, तेजस्विनी शर्मा, भौतिकी विभाग से अंशु कुमार व नीलाद्रि सिंह दास और जैव प्रौद्योगिकी विभाग से प्रो. पार्थ रॉय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। टीम ने इस इनोवेशन के लिए एक पेटेंट भी दायर किया है।