हिमालय पुत्र करेंगे हरियाली से हिमालय की रक्षा

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ऋषिकेश। उत्तराखण्ड राज्य में दो लाख पौधों के रोपण के लिए जीवा, गंगा एक्शन परिवार, आरबी और संकल्प तरु फाउंडेशन के बीच एक करार हुआ। इस पौधरोपण अभियान में परमार्थ निकेतन की अहम भूमिका होगी। संकल्प तरु फाउंडेशन ने भी उत्तराखंड एवं देश के अन्य भागों में पौधारोपण के क्षेत्र मे काफी कार्य किया है और संस्था के पास लम्बा अनुभव है, जिसका फायदा इस अभियान को मिलेगा।

गुरुवार को परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के मार्गदर्शन में इन सभी संस्थाओं ने हिमालय की हरियाली को बढ़ाने के लिए दो लाख पौधे लगाने की घोषणा की। चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हरियाली से हिमालय की रक्षा अभियान में बढ़-चढ़ कर भाग लें और अपने अपने क्षेत्र को हरियाली से भर दें। उन्होंने कहा कि बढ़ते बच्चों को अधिक पोषण की आवश्यकता होती है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिये विभिन्न विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर जरूरी है। इसके अभाव से एनीमिया, अल्झाइमर एवं कर्करोग जैसी अनेक बीमारियों का खतरा बना रहता है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया कि प्रतिवर्ष भारत में पांच वर्ष से कम उम्र के दस लाख से भी अधिक बच्चे कुपोषण के कारण मौत के मुंह में चले जाते हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के जारी आंकड़ों के आधार पर भारत में प्रतिदिन 3000 बच्चे कुपोषण के कारण मरते हैं। पांच वर्ष से कम उम्र के लगभग चार करोड़ 40 लाख बच्चों का विकास कुपोषण के कारण अवरुद्ध हो जाता है।
परमार्थ निकेतन ने ‘मिड डे फ्रुट प्रोग्राम’ की शुरुआत की है, इसके अंतर्गत स्कूलों में ’जितने बच्चे उतने पेड’ प्रोग्राम चलाया जा रहा है। ‘मेरा स्कूल मेरा पेड़’ की भावना के साथ बच्चे पौधों का रोपण और पोषण करेंगे, जिससे हरियाली बढ़ेगी और बच्चे प्रकृति के सानिध्य में पोषित भी होगे। उन्होने कहा कि अगर इस प्रोग्राम को भारत के सभी राज्यों के स्कूलों में लागू किया जाये तो काफी हद तक कुपोषण की समस्या में सुधार लाया जा सकता है।