आग ने उत्तराखंड के पहले प्राइवेट फॉरेस्ट रिजर्व को किया तबाह

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“जेएनआर के मित्रों, हमें ये बताते हुए बेहद अफसोस हो रहा है कि रिजर्व में लगी आग ने यहां का करीब 80 फीसदी हिस्सा अपनी चपेट में ले लिया है। हमारी टीम ने आग से बचने के लिये कड़ा संघर्ष किया लेकिन आग की तीव्रता के आगे हमारे प्रयास नाकाफी साबित हुए”

जबरखेत प्राइवेट नेचर रिजर्व के फेसबुक पेज पर इस पोस्ट ने देश विदेश के लाखों लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। हो भी क्यों न जब ये पोस्ट मसूरी की शान कहे जाने वाले उत्तराखंड के पहले निजि रिजर्व फॉरेस्ट के अस्तित्व के बारे में था। देश विदेश के छात्रों और पर्यटकों के लिये मनोरंजन और ज्ञान का केंद्र रहे इस जबरखेत फॉरेस्ट ऱिजर्व को जंगल की आग ने कुछ ही घंटों के अंदर अपने आगोश में ले लिया और देखते ही देखते यहां के हरे भरे पेड़ राख के ढेर में तब्दील हो गये।

करीब 110 एकड़ में फैला ये नेचर रिजर्व राज्य में अपनी तरह का पहला इलाका है। इस पार्क में 3 किमी लंबे आधा दर्जन हाईकिंग ट्रेल, नेचर वॉक, वॉटर होल्स मौजूद हैं। इसके साथ ही आप यहां बर्ड वॉचिंग और हजारों तरह के फूल और पेड़ों की प्रजातियों को देख सकते हैं। अपनी इन्ही खूबियों के कारण कंक्रीट के जंगल में बदल चुकी मसूरी के बावजूद ये रोमांच और प्रकृति के दीवानों के बीचे खासी मशहूर डेस्टिनेशन था।

पार्क के फेसबुक पेज के आखिरी पोस्ट में लिखा है कि “हम आग से हुए नुकसान का पूरा अनुमान लगा रहे हैं और जल्द से जल्द जंगल और जानरों को बचाने के लिये कदम उठायें जायेंगे।”

पिछले करीब 15 हफ्तों में जंगलों की इस आग ने उत्तराखंड के करीब 4202.036 हेक्टेयर जंगलों को छीन लिया है। राज्य की वन संपदा और जीव संपदा के लिये इन दिनों शिकारियों से ज्यादा खतरा राज्य भर के जंगलों में घघक रही आग की लपटें बनी हुई हैं। अब सरकार के साथ साथ आम लोगों को भी बारिश से ही उम्मीद है क्योंकि इस आग पर काबू पाने के इंसानी तरीके फिलहाल तो नाकाफी ही साबित हुए हैं। इसका सबसे ताज़ा उदाहरण है जबरखेत नेचर रिजर्व।