किच्छा के किसानों पर पड़ रही दोहरी मार

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ऊधमसिंहनगर, जहा एक ओर केंद्र सरकार व राज्य सरकार किसानों की आय को दुगनी करने के लिए बड़ी बड़ी बातें कर रहा है, वही किच्छा तहसील के सेकड़ो किसान राज्य सरकार की उदासीनता का शिकार हो रहे है । एक तो गेंहू की बुआई ओर खेतो में खड़ा गन्ना किसानों पर दोहरी मार मार रहा है ।आलम ये है कि किसान अब सुगर मिल प्रबंधक के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है।

गेंहू बुआई का सीजन चल रहा है ऐसे में किसानों के खेतों में गन्ने की फसल खड़ी खड़ी खराब हो रही है। गन्ना सोसाइटी किसानों को पर्ची नही दे रही जिस कारण किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर है ।मामला किच्छा तहसील से जुड़ा हुआ है, जहाँ पर शांतिपुरी के सेकड़ो किसान गन्ना मिल की तानाशाही के आगे मजबूर खड़ा है। शांतिपुरी के सैकड़ो किसानों की गन्ने की फसल अब खेतो में खराब हो रही है। किसानों की माने तो पिछले साल का मिल द्वारा गन्ने का भुगतान भी नही किया है और इस बार सामान्य गन्ने को लेने के लिए फरवरी का समय दिया है। उन्होंने बताया कि, “किच्छा तहशील के आसपास सभी छोटी जोत के किसान रहते है। जिन्होंने 1 एकड़ या आधा एकड़ जमीन पर गन्ने की फसल बोई है, अगर मिल गन्ने की पर्ची नही देता है तो किसानों के सामने रोज़ी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा, गन्ने की फसल खेत मे खराब हो रही है। जब तक गन्ना कट नही जाता गेंहू की फसल बो नही सकते, किसानों का कहना है कि, “चीनी मिल के अधिकारियों से इस बाबत वार्ता भी हुई लेकिन फरवरी के बाद पर्ची देने की बात कही जा रही है अब किसान गेंहू बोए तो कैसे।”

वही चीनी मिल की इस तानाशाही को लेकर किच्छा के किसान आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है तो वही जिला पंचायत सदस्य विनोद कोरंगा ने कहा कि मिल प्रबंधक के तुगलकी फरमान को लेकर वो कल सीएम त्रिवेंद्र रावत से मिलेंगे अगर उनकी मांगों पर गौर नही किया जाता तो कल सीएम के दौरे का विरोध किया जाएगा।