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तीर्थनगरी में धड़ल्ले से जारी है पॉलिथीन की बिक्री

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ऋषिकेश। तीर्थ नगरी में लंबी कवायद के बाद भी पॉलिथीन पर रोक नहीं लग पा रही है। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी इसकी रोकथाम के लिए विभिन्न चरणों में अभियान चलाया गया लेकिन उसका असर नहीं दिख रहा है।
नगर निगम की कवायद में पालिका बोर्ड भंग होने के बाद अब जिलाधिकारी के हाथ में सरकार द्वारा पालिका की कमान सौंपी गई है। अब यह देखना रोचक होगा कि शहर की सफाई व्यवस्था में सबसे बड़ा झोल साबित होने वाली पॉलिथीन की रोकथाम के लिए शासन स्तर पर क्या कठोर कदम उठाए जाते हैं। नगर पालिका प्रशासन द्वारा पॉलिथीन की रोकथाम के लिए पूर्व में किए तमाम प्रयास नाकाफी साबित हुए थे और नतीजा ढांक के तीन पात ही रहा। इन सबके बीच पालिका बोर्ड भंग होने से पूर्व शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर खूब हो हल्ला भी मचा जो कि अब तक जारी है लेकिन इन तमाम आंदोलनों के बावजूद तीर्थ नगरी मे धड़ल्ले से पालिथीन की बिक्री होती रही।
सिर्फ त्रिवेणी घाट बाजार की ही बात करें तो सुबह रोजाना पालिका सफाई कर्मचारी जब सफाई के लिए निकलते हैं तो पॉलिथीन से अटी नालियों में सफाई के बाद बड़े-बड़े ढेर लग जाते हैं जोकि इस बात की पुष्टि के लिए काफी है कि शहर में सरकार के तमाम दावों और प्रयासों के बावजूद पॉलिथीन का खुलकर प्रयोग किया जा रहा है।
पॉलिथीन शहर मे मुसीबत बन चुकी है। गंगा तटों में भी धड़ल्ले से लोग पॉलिथीन में भरकर पूजा सामग्री फेंक रहे हैं। विभिन क्षेत्रों में नाले पॉलिथीन से अटे पड़े हैं। सीवर लाइन के लिए भी पालीथीन मुसीबत बन चुकी है।
पालिका अधिशासी अधिकारी महेंद्र सिंह का कहना था कि पॉलिथिन की रोकथाम के लिए पालिका द्वारा समय समय पर दुकानदारों के चालान काटे जाने के साथ जब्ती करण की कार्यवाही भी की जाती हैं लेकिन उसके बावजूद कारोबारियों द्बारा पालिथीन का उपयोग किया जा रहा है।

दुनाव लघु जल विद्युत परियोजना जनता को समर्पित

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पौड़ी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को जनपद पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल ब्लाॅक में उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम द्वारा निर्मित 1500 किलो वाट की दुनाव लघु जल विद्युत परियोजना को प्रदेश के जनता को समर्पित किया। उन्होंने इसे पर्वतीय क्षेत्र में विकास के लिए मील का पत्थर बताया। जनता को समर्पित इस लघु जल विद्युत परियोजना को शहीद राम प्रसाद नौटियाल के नाम से जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पौड़ी के दूरस्थ विकास खंड बीरोंखाल में नयार नदी पर निर्मित दुनाव लघु जल विद्युत परियोजना का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को पहाड़ हित में बताया। इस परियोजना से सिमली, कांडा, पाली व बीरोंखाल समेत 55 गांवों को न सिर्फ लाभ मिलेगा होगा, बल्कि स्थानीय युवकों को रोजगार भी प्राप्त होगा। जिससे इस क्षेत्र में पलायन पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा। प्रदेश में शीघ्र ही अन्य जल विद्युत परियोजनाओं को भी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने लखवाड़-व्यास जल विद्युत परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लघु व बड़े प्रोजेक्ट स्थापित करने वाली कम्पनियों को सरकार भारी सब्सिडी उपलब्ध करायेगी। उन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय योजना के उद्देश्यों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दो प्रतिशत ब्याज दर पर एक लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे पूरे प्रदेश में 46 हजार से अधिक किसानों ने लाभ प्राप्त किया है। उन्होंने शिक्षित बेरोजगारों से कृषि को रोजगार का माध्यम बनाये जाने के लिए उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवा मिर्च, शहद, क्षेत्रीय फसलें आदि का उत्पादन कर बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने चमोली के घेस गांव की तर्ज पर हर क्षेत्र में सब्जियों के उत्पादन पर जोर दिया। अकेले घेस गांव के काश्तकारों ने 45 लाख रूपये की मटर का उत्पादन किया है।
मुख्यमंत्री ने सैनिक परिवारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहीद सैनिक व अर्द्ध सैनिक बल के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। सेना के सेवानिवृत्त विशेषज्ञ डॉक्टरों व अन्य राज्यों से भी डॉक्टरों के आवेदनों को प्राप्त कर उन्हें पहाड़ों में चिकित्सा सेवाओं को लिए शीघ्र ही तैनात किया जाएगा। उन्होंने टेली रेडियोलाॅजी तथा टेली मेडिसिन के क्षेत्र में सरकार की ओर से किये गये क्रांतिकारी पहल बताया। इससे पहाड़ों में 22 अस्पतालों में मरीजों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त हो रहे हैं। उन्होेंने कहा कि इंटरनेट विहीन क्षेत्रों में इस प्रणाली के अन्य कारगर तरीकों पर भी मंथन किया जा रहा है। शीघ्र ही इंटरनेट विहीन व दूरस्थ क्षेत्रों में भी इसे लागू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पहाड़ों में सरकार, जनता के द्वारा कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाने की रणनीती साझा की। उन्होंने कहा कि अब ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी सप्ताह में दो दिन ब्लाॅक के दूरस्थ क्षेत्र के ग्राम सभाओं में जाकर लोगों की समस्याओं से रूबरू होंगे। उन्होंने इसे अनिवार्य रूप से अमल में लाये जाने के निर्देश दिये हैं। लापरवाही करने वालों पर सरकार कठोर कार्रवाी करेगी। इस मौके पर उन्होंने शहीद जसंवत सिंह रावत को स्मरण किया। इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह रावत, यूजेवीएन लि. उत्तराखंड की सचिव व अध्यक्ष राधिका झा, प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा, परियोजना निदेशक संदीप सिंघल, निदेशक वित्त एलएम वर्मा, महाप्रबंधक अजय पटेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

जब हिमालय ही नहीं रहेगा तो किसका विकास और कैसा विकासः राधा

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गोपेश्वर। वनों के व्यावसायिक कटान के विरोध में वन अध्ययन अभियान दल ने सर्वोदय केंद्र गोपेश्वर में आयोजित संवाद कार्यक्रम के तहत आल वेदर रोड निर्माण व बांधों के निर्माण के बहाने पेड़ों के व्यावसायिक कटान पर चिंता व्यक्त की है। प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक व कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित राधा बहन ने कहा कि हिमालय में विकास की बात की जा रही है, परंतु जब हिमालय ही नहीं रहेगा तो किसका विकास और कैसा विकास।

छात्रों, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, पर्यावरण विशेषज्ञों के बीच आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए राधा बहन ने कहा कि सड़कें, बांध, पर्यटन, रेलवे लाइन आदि के निर्माण में पिछले दो वर्षों में दस लाख पेड़ काटे चुके हैं। वर्तमान में आल वेदर रोड के निर्माण में जिस तरह से पेड़ों की अंधाधुध कटाई चारधाम यात्रा मार्ग पर हो रही है, उससे पूरा हिमालय हिल चुका है। नदियों में गाद डाली जा रही है। छोटे-छोटे व्यवसायियों के हक और व्यवसाय मारे जा रहे है। गंगोत्री से लेकर ऋषिकेश तक पड़ों की निर्मम कटाई हो रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन भूकंपीय क्षेत्र से बनायी जा रही है। पंचेश्वर बांध के निर्माण से पूरा हिमालय का पारिस्थितिकीय संतुलन खतरे में है। स्थानीय जनता के हक मारे जा रहे हैं, परंतु इसे विकास का नाम दिया जा रहा है। जबकि यह विकास नहीं बल्कि विनाश के आमंत्रण की योजना है।
वन अभियान दल के साथ चल रहे सुरेश भाई ने कहा कि चारधामों में आॅल वेदर सड़क के नाम पर जिस तरह से विकास के नाम पर दानवीय प्रवृति दिख रही है, वह खतरनाक संकेत है। 18 से 24 मीटर चौड़ी सड़क बनाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है और 24 मीटर का अधिग्रहण हो रहा है। आम आदमी और गांव के लोग अपने गांव में सड़क की बात करते हैं तो पर्यावरण अधिनियम का बहाना बनाया जाता है, लेकिन आॅल वेदर के नाम पर इतने पेड़ कट गये। अब इसका हिसाब कौन देगा। अभियान दल में आयी लक्ष्मी आश्रम कौसानी की नीमा वेष्णव, सर्वोदयी कार्यकर्ता मुरारी लाल, डा. गीता शाह, मनोज तिवारी, प्रमोद सेमवाल, जगदीश पोखरियालय ने भी हिमालयी चिंतन और विकास की परिभाषा पर अपने विचार रखे। 

उत्तराखंड में स्कीइंग-ट्रैकिंग व कयाकिंग-राफ्टिंग के लिए अपार संभावनाएं : पर्यटन मंत्री

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गोपेश्वर। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड ऐसा सुंदर और प्राकृतिक संरचनाओं का राज्य है, जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। सरकार इस दिशा में और अधिक कार्य करने के लिए दृढ संकल्प है।

रविवार को प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सतपाल महराज ने कहा कि औली में होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिता के लिए सरकार ने पर्याप्त धन दिया है। औली के साथ-साथ गौरसौं को भी स्कींइग के लिए विकसित किया जाएगा। विदेशों में घूमने के बाद मुझे यह अनुभव हुआ है कि उत्तराखंड में स्कीइंग और ट्रैकिंग, कयाकिंग तथा राफ्टिंग आदि के लिए सबसे अधिक संभावनाएं है। राज्य में न सिर्फ साहसिक पर्यटन बल्कि सुगम पर्यटन के साथ ही पारिवारिक पर्यटन और ट्रैकिंग के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में शिव भक्तों, नारायण भक्तों के लिए धार्मिक दृष्टि से अलग-अलग रूप में भी यहां यात्रियों को लाने की योजना है। साथ ही पर्यटन पर अपनी योजनाओं को सरकार के बीच रखने की बात कही। इस राज्य में छोटे-छोटे हेलीपेड बनने चाहिए तथा जो बने हैं, उनमें बड़े जहाजों को उतरने के लिए संसाधन खड़े किए जाएंगे। ताकि सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर भी पहाड़ की ऊंचाइयों पर उतर सकें। इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्री से बातचीत की गई है।
पत्रकारों के यह पूछने पर कि जोशीमठ के लोग आॅल वेदर रोड के नाम पर जोशीमठ मारवाड़ी बाईपास का विरोध कर रहे हैं, के जवाब में पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस सड़क के बनने से जोशीमठ नृसिंह परिक्रमा क्षेत्र बद्रीनाथ यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन महाराज ने यह भी जोड़ा कि उन्हें बाईपास के बारे में कोई जानकारी नहीं है। साथ ही आॅल वेदर रोड के बारे में भी उन्होंने अनभिज्ञता प्रकट की। सरकार में अपनी उपेक्षा के सवाल पर वे सिर्फ मुस्कराये और कुरेदने पर कहा कि सब कुछ ठीक है।

मुख्यमंत्री ने किया निर्माण कार्यों का शिलान्यास

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देहरादून/पौड़ीगढ़वाल। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को 1,226.18 लाख की लागत से लैंसडाउन विधानसभा के सात निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने जनता मिलन कार्यक्रम में आमजन की सस्याओं को भी सुना और कई समस्याओं का मौके पर निस्तारण किया।
लैंसडाउन विधानसभा के सात निर्माण कार्यों में 221.24 लाख की लागत से बंजादेवी के समीप मंढाल नदी पर 36 मीटर के तीन स्टील गर्डर तथा 108 मी का पैदल सेतु का निर्माण, 203.50 लाख की लागत से बढ़ियो पुल से चैड चैनपुर मोटर मार्ग-तोलू डांडा मार्ग का निर्माण, 246.05 लाख की लागत से पांच किमी बरई रथुवाढाब मोटर मार्ग सुधारीकरण व डामरीकरण, 113.20 लाख की लागत से अधरियाखाल निरीक्षण भवन का निर्माण, 163 लाख की लागत से 3.3 मीटर के गढ़कोट सम्पर्क मार्ग स्टील गर्डर पुल निर्माण का द्वितीय चरण का निर्माण, 167.47 लाख की लागत से बयेला मल्ला-सीखाना-बगरखाल-भंयासु मोटर मार्ग का निर्माण तथा 111.72 लाख की लागत से सिसल्डी-सतपुली मोटर से चिढ़बौ गांव तक संपर्क मार्ग का निर्माण कार्यों का शिलान्यास शामिल है। इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह रावत, जिलाधिकारी सुशील कुमार सहित सभी विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने रिखणीखाल ब्लाॅक के आदर्श इंटर कॉलेज में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, विद्युत, सड़क, पेंशन, आर्थिक सहायता समेत विभिन्न समस्याएं सुनीं। इस अवसर पर उन्होंने अवशेष शिकायतों को लिए जिलाधिकारी समेत अन्य विभागीय अधिकारियों को समस्याओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। साथ ही अधिकारी लोगों की समस्याओं को गंभीरता से लेने को कहा।
मुख्यमंत्री ने जनता इंटर कॉलेज टकोलीखाल को स्व. वित्तपोषित करने की घोषणा की। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल को मानक के अनुरुप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में लोगों की पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी आदि की कई समस्याए हैं, जो सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय जन प्रतिनिधि भी लोगों की समस्याएं निपटाई। उन्होंने तकनीकी खेती अपनाये जाने, पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना, फूलों की खेती, बेमौसमी फल तथा सब्जी उत्पादन बढ़ाये जाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पारदर्शी प्रशासन के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर बायोमीट्रिक हाजरी लगाने तथा तबादला नीति को लेकर सिफारिसी अंदाज पर लगाम लगाई है। स्कूलों में अध्यापकों तथा प्रधानाचार्यों की नियुक्तियां की जा रही हैं तथा सरकार प्रदेश के जीरो टालरेंस की नीति पर गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि एनएच घोटाले के मामले में सरकार ने भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभाई है। भ्रष्टाचार में संलिप्त 12 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने केंद्र से 600 करोड़ रुपये की मांग की है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शरदोत्सव शुरू, सरकार ने दिये 12 करोड़

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गोपेश्वर। चमोली के जोशीमठ में चार दिवसीय शरदोत्सव रंगारंग सांस्कृतिक एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं के साथ शुरू हो गया। रविवार को शरदोत्सव का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि पर्यटन, सिंचाई एवं सांस्कृति मंत्री सतपाल महराज ने कहा कि राज्य को विंटर डेस्टिनेशन बनाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि शीतकाल में भी पर्यटकों का आना-जाना लगा रहे। औली एवं गोरसों को विकसित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इस वर्ष शीतकालीन स्कीइंग गेम्स के आयोजन के लिए सरकार ने 12 करोड़ रुपये की धनराशि दी है।
उन्होंने कहा कि पर्यटक और तीर्थाटन जाने वाले मार्गों पर निवासरत स्थानीय लोगों को बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों से निर्मित भोजन बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। होम-स्टे योजना को और अधिक कारगर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि तीर्थाटन एवं पयर्टन को बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर समेकित ग्रामीण पर्यटन स्वरोजगार योजना शुरू करेगी।
इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि मेले को भव्य स्वरुप देने के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है। क्योंकि मेले एक-दूसरे को जोड़ने तथा अपनी संस्कृति को संजोते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में दस वर्ष से अधिक समय से लंम्बित कई सड़कों पर कार्य शुरू कराया गया है। उन्होंने लोगों को विश्वास दिया कि वे उनकी आशाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। साथ ही उन्होंने मेले के आयोजन के लिए अपनी विधायक निधि से चार लाख जोशीमठ में व्यापार संघ के भवन निर्माण हेतु आठ लाख एवं अंबेडकर भवन के लिए पांच लाख रुपये की धनराशि देने की घोषणा की है। इस अवसर भाजपा जिला अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, नगर पालिकाध्यक्ष रोहणी रावत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्षा विजया रावत, माधुरी सती, सभासद गीता परमार आदि मौजूद रहे।

जारी है दून को साफ करने के लिये मैड का सफाई अभियान

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देहरादून। मेकिंग ए डिफरेंस बाय बीइंग डिफरेंस (मैड) संस्था ने रविवार को अपने साप्ताहिक कार्यक्रम के तहत नेशविला मरोड के मध्य में स्थित सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाया।
रविवार को संस्था के छह सदस्य एवं स्वयंसेवी पहले एस्ले हॉल पहुंचकर एकत्रित हुए। वहां से नेशविला रोड के कूड़ाग्रस्त क्षेत्र के लिए निकले। जहां पहुंचकर संस्था के सदस्यों ने जब हालात का जायजा लिया तो पाया कि कूड़े में मुख्य तौर पर घर का कूड़ा जैसे सब्जियां, फल, पॉलिथीन,प्लॉस्टिक, रेपर इत्यादि शामिल है। इसके बाद संस्था के सदस्य तुरंत कार्य में लग गए और ग्लब्स ओर मॉस्क लगाकर कूड़े की सफाई में जुट गए। कूड़े को एकत्रित करके उस क्षेत्र में मौजूद कूड़ेदान में डाला गया। साथ ही सदस्यों ने जागरुकता अभियान भी चलाया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों को प्रोत्साहित किया कि वे भी संस्था के साथ सफाई अभियान से जुड़ें। कुछ स्थानीय लोगों ने सदस्यों के साथ मिलकर काफी देर तक अभियान चलाया। इस अभियान में संस्था की ओर से शुभवि गुप्ता, शरद महेश्वरि, आदर्श, दक्श रावत, रितेश कुमार एवं लल्लन सिंह शामिल रहे।

एफआरआई में शुरू बूढ़े-बीमार पेड़ों को काटना

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देहरादून। चार साल के लंबे इंतजार के बाद वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) में बूढे व बीमार पेड़ों के कटान का कार्य शुरू कर दिया गया है।
एफआरआइ के जंगल में करीब 68 पेड़ ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जो या तो बूढ़े हो चुके हैं या बीमार हैं। वर्ष 2013 में इन्हें काटने की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन कभी बजट की कमी तो कभी अन्य कारण से मामला लटकता रहा। कई बार ऐसी बात भी सामने आई कि पेड़ों को काटने को लेकर बेवजह का विवाद भी खड़ा किया जाता रहा। एफआरआइ में भारतीय वन सेवा के तमाम अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर आते हैं और हर किसी की प्राथमिकता अपना कार्यकाल बिना किसी अड़चन के पूरा करने की रहती है। लिहाजा, अब तक जंगलों की बेहतरी के लिए बीमार व बूढे पेड़ों को काटने की तरफ खास ध्यान नहीं दिया गया। यह पहली बार है कि एफआरआइ के निदेशक से लेकर सिल्वीकल्चर प्रभाग के अधिकारियों ने एकजुट होकर यह कवायद शुरू की। एफआरआइ के सिल्वीकल्चर प्रभाग के एसिस्टेंट सिल्वीकल्चरिस्ट एसआर रेड्डी के मुताबिक अधिकतर पेड़ काटे जा चुके हैं।
तैयार है 2020 तक की कार्ययोजना
एफआरआइ की निदेशक डॉ.सविता के मुताबिक जंगल के वैज्ञानिक संवर्धन व प्रबंधन के लिए बूढ़े व बीमार पेड़ों को काटने के लिए 2011-2020 तक की कार्य योजना तैयार की है। विलंब से ही सही अब शुरुआत की जा चुकी है और इससे जंगल की सेहत में भी सुधार हो पाएगा। खासकर बीमार हो चुके पेड़ों का सफाया होने के बाद उसका रोग अन्य वृक्षों तक नहीं फैल पाएगा।

350 बच्चों की आंखों की हुई जांच, मुफ्त दवा भी दी गई

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ऋषिकेश। मानवाधिकार दिवस के अवसर पर रविवार को श्री साईं आई केयर सेंटर के तत्वावधान में संस्कार सृजन स्कूल ढालवाला में नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 350 से अधिक स्कूली बच्चों एवं 150 से अधिक ग्रामीणों काे नेत्र परीक्षण कर निःशुल्क दवा वितरित की गई।
शिविर का शुभारंभ मध्य प्रदेश भोपाल से साइकिल यात्रा कर ऋषिकेश पहुंची कुमारी आंकक्षा जैन, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्टीय सचिव डॉ़ राजे सिंह नेगी एवं स्कूल की प्रधानचार्य संगीता पंवार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कुमारी आंकक्षा ने बताया कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने एवं पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वह मध्य प्रदेश से साइकिल यात्रा कर गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं।

खनन के सामान से भरी ट्रैक्टर ट्राली पलटी, दो की मौत

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हरिद्वार। खनन से भरी एक ट्रैक्टर ट्राली के अनियंत्रित होकर नदी में पलटने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए हैं। घटना थाना श्यामपुर कोतवाली क्षेत्र की है। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच कर रही है।

रविवार की सुबह एक ट्रैक्टर ट्राली रवासन नदी में अनियंत्रित होकर पलट गई। ट्राली रेत लेकर नदी से निकल रही थी। आेवर लोडिंग की वजह से यह हादसा होना बताया जा रहा है। मृतकों में लोकेश पुत्र चंद्रपाल और चरण पुत्र पूरण निवासीगण आलमसराय थाना नांगल जिला बिजनौर (यूपी) शामिल हैं।