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बलूनी ने दिग्गज़ों की मौजूदगी में भरा राज्यसभा के लिए नामांकन

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anil balini filed nomination for rajya sabha

भाजपा मीडिया विभाग के प्रमुख और उत्तराखंड से राज्यसभा सीट के प्रत्याशी अनिल बलूनी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, प्रदेश मंत्रिमंडल के सभी मंत्री, पार्टी विधायक के साथ-साथ काफी संख्या में समर्थकों की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया। आज दोपहर करीब बारह बजे भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी मुख्यमंत्री के साथ नामांकन पत्र लेने विधानसभा पहुंचे थे।

anil baluni

भाजपा प्रत्याशी बलूनी ने सवा दो बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर कांग्रेस से भाजपा में आए विजय बहुगुणा मौजूद नहीं थे।  उनकी गैरमौजूदगी को उनकी नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है। नामांकन के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भाजपा हाई कमान नई पीढ़ी को आगे बढ़ा रहा है। भाजपा नेता अनिल बलूनी सुयोग्य प्रत्याशी हैं। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने बलूनी के नामांकन दाखिल करने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि अनिल युवा और ऊर्जावान नेता हैं। उनके राज्यासभा में पहुंचने से उत्तराखंड को लाभ मिलेगा। वहीं सतपाल महाराज बोले कि अनिल बलूनी हमेशा से ही उत्तराखंड के हितों को लेकर मुखर रहे हैं। भाजपा हाई कमान ने सही प्रत्याशी का चुनाव किया है।

इस सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख 12 मार्च है यानि आज है। बता दें कि आगामी 23 अप्रैल को राज्यसभा चुनाव होंगे। इससे पहले भाजपा ने 8 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 12 मार्च है और 13 मार्च तक गलती सुधारने की अंतिम तिथि है। अधिकारी के मुताबिक, नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 15 मार्च है।

अनिल बलूनी उत्तराखंड की कोटद्वार विधानसभा सीट से दो बार विधायक का चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा था। उत्तराखंड में बलूनी की छवि हवाई नेता के तौर पर ही है ना तो आम जनता और ना ही कार्य कर्ताओं में उनकी पैठ है ।बहरहाल इस बार उन्हें भाजपा हाइकामन की नजदीकी का फायदा मिल भी जाए तो कोई आश्चर्य नहीं

“मार्गदर्शक मंडल” का खतरा मंडराने लगा है उत्तराखंड के दिग्गजों पर

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bjp senior leaders not getting position

उत्तराखंड ने अपने जन्म के साथ ही राजनीति के कई उतार चढ़ाव देखे हैं। 18 साल के इस युवा प्रदेश में गुटबाजी हमेशा से ही हावी रही है चाहे कांग्रेस हो चाहे भाजपा यही कारण रहा है कि राज्य में विकास की धारा हमेशा से ही बाधित रही है। मोदी की केंद्र में सत्ता संभालते ही अचानक ही उत्तराखंड जैसा छोटा राज्य अपने बौद्धिक प्रतिनिधित्व के चलते देश में अपनी चमक बिखेरने लगा। उत्तराखंड में सत्ता में अपनी गहरी पकड़ बनाए रखने वाले बुजुर्ग नेता धीरे धीरे हाशिए पर जाने लगे और बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को कमान सौंपकर उत्तराखंड में छटनी की बयार को तेज कर दिया।

पार्टी ने राज्यसभा के लिये पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी को चुनकर आने वाले समय में पार्टी दशा और दिशा साफ कर दी है। भविष्य सेकंड लाइन के युवा नेताओं का है जिनसे उत्तराखंड को तेजी के साथ विकास के रास्ते पर ले जाने की उम्मीद की जायेगी। संघ के मार्गदर्शन में इस तरह के युवाओं की एक टोली उत्तराखंड में तैयार हो रही है जो जल्दी ही राज्य की राजनीति को प्रभावित करेगी। इसी कड़ी में अजय टम्टा के बाद युवा नेता अनिल बलूनी को राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करा कर नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपने इरादे और साफ कर दिये हैं।

2014  में चुनाव जीतने के बाद से ही मोदी ने पार्टी औऱ सरकार में युवा नेताओं को बढ़ावा देने की कोशिश की है फिर चाहे पार्टी में 75 साल को अनौपचारिक रिटायरमेंट उम्र करना हो या फिर महत्वपूर्ण पदों पर युवा चेहरों को बैठाना हो। और ये हो भी क्यों न जब देश में युवा मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। अपने इन नये युवा सिपाहियों के ज़रियो मोदी और पार्टी 2019 के चुनावी रण को भी जांचने के कोशिश करेंगे।

कुछ ऐसी ही कोशिश बीजेपी के विरोधी खेमे में राहुल गांधी भी कर रहे है। कांग्रेस में भी राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद से ही युवाओँ को आगे लाने और पुरानी पीढ़ी के नाताओं को “मार्गदर्शक मंडल” में डालने की कोशिश की जा रही है।

युवाओँ को राजनीति में आगे लाना पार्टियों की ज़रूरत भी है और मजबूरी भी। इससे देश को भी एक नई शक्ति मिलने की उम्मीद की जा सकती है। कांग्रेस और बीजेपी दोनो ही अपनी युवा पीढ़ी को धारदार करने में जुटी है पर किस खेमे का वार ज्यादा घातक साबित होगा ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

स्पर्श गंगा टीम के सदस्यों ने निकाले गंगा से मृत जीव

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हरिद्वार। स्पर्श गंगा टीम की विभिन्न टीमों ने साप्ताहिक रूप से गंगा घाटों पर सफाई अभियान चलाया। स्पर्श गंगा टीम लगातार हरिद्वार एवं आस पास के गंगा घाटों एवं तटों पर मैले कुचेले पदार्थो एवं मृत जीव, प्लास्टिक, पाॅलीथीन पन्नियां निकालकर एकत्र कर नगर निगम के कर्मचारियों को इसकी सूचना देती चली आ रही है।

रविवार को इसी क्रम में जगजीतपुर स्पर्श गंगा घाट पर बड़े पैमाने पर मृत जीवों के अवशेष मिलने से स्पर्श गंगा टीम के सदस्य काफी आहत है लगातार मृत जीव के अवशेष मिलने की शिकायतें जिला प्रशासन को की जा रही है। अपने हाथों से स्वयं जगजीपुर टीम के सदस्य मनप्रीत एवं मोहित के नेतृत्व में मृत जीवों को गंगा से निकालने का काम कर रहे हैं। स्पर्श गंगा के उत्तराखण्ड के संयोजक शिखर पालीवाल ने कहा कि हरिद्वार में मुनिश्वर घाट, स्पर्श गंगा घाट, ऋषिकुल, प्रेमनगर आश्रम घाट, विश्वकर्मा घाट, सलेमपुर, अवधूत मंडल, पायलट बाबा घाट, गाजीवाला समेत ऋषिकेश देहरादून और उत्तर प्रदेश के भी कई स्थानों पर रविवार को टीम के सदस्यों द्वारा सफाई अभियान चलाया गया। निरन्तर यह अभियान बड़ा रूप लेता जा रहा है। स्पर्श गंगा टीम की कार्यशैली से प्रभावित होकर कई ओर संगंठन भी गंगा को प्रदूषण मुक्ति में जुड़े रहे है। शिखर पालीवाल ने कहा कि मृत जीवों के गंगा में अवशेष मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है शासन प्रशासन को इस ओर कड़ाई से कार्यवाही करनी चाहिये मृत जीवों के अवशेष आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं। टीम के सदस्य सेवाभाव से गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में जुटे हुए है। सदस्य किसी भी रूप से गंगा को प्रदूषणम मुक्ति की इस योजना से पीछे नहीं हट रहे है। महिलाएं जिसमें विमला, रीता चमोली, पूनम चैहान, मन्नू रावत, चन्द्रकला, लक्ष्मी सक्रिय रूप से साप्ताहिक गंगा सफाई अभियान में अपनी टीमें बनाकर सेवाभाव से हरिद्वार एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई अभियान चला रही हैं। स्पर्श गंगा टीम के सदस्यों ने विभिन्न घाटों पर वृहद स्तर से स्वच्छता अभियान चलाकर स्वच्छ भारत अभियान को बल दिया। इस अवसर पर सीमा चैहान, वेनू त्यागी, मनप्रीत कश्यप, मोहित, जोनी चैहान, विकास, रवि, अक्षय, ऋतिक, शिवम अरोड़ा, कमल सहगल, संजय, आदि उपस्थित रहे। 

कॉलेज की छात्राएं सीख रही हैं आत्मरक्षा के गुर

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गोपेश्वर। चमोली जिले के महाविद्यालय गोपेश्वर के महिला प्रकोष्ठ के माध्यम से छात्राओं को जूडो कराटे के माध्यम से आत्मरक्षा के गुर सीखाए जा रहे हैं। रविवार को जूडो कराटे का एक माह पूरा होने पर छात्राओं ने करतब दिखाये। जुडो प्रशिक्षक ब्लैक बेल्टर डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस एक माह के प्रशिक्षण में छात्राओं ने जूडो कराटे सीखने के लिए बेहद मेहनत की है। प्रशिक्षण में छात्राओं को फ्री किक, बैक किक, फ्रंट किक सोमरसौलटिंग जैसे पंच छात्राएं बेहतर ढंग से कर रही हैं। प्रशिक्षण ले रही छात्रा सोना रावत, प्रियंका, दीक्षा, अंजना, मनीषा, अदिति, श्वेता, संगीता, भावना, शिवानी आदि का कहना है कि जूडो कराटे का प्रशिक्षण लेने से उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है और वे अब किसी भी परिस्थिति में अपनी आत्मरक्षा खुद कर सकती हैं।
महिला महिला प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. श्वेता विश्नोई ने कहा कि आगे भी अन्य छात्राओं को इस तरह का प्रशिक्षण निःशुल्क दिया जाता रहेगा। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. केएल मालगुड़ी ने कहा कि यह प्रशिक्षण महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर डॉ. हर्षी खंडूरी, डॉ. सरिता चैहान, डॉ. भावना मेहरा, डॉ. सरिता पंवार, डॉ. ममता असवाल आदि मौजूद थे।

बकरी स्वंयवर में कंगना को मिला बबलू का साथ, पढ़िए

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bakri swmvyar in tehri

पिछले साल फरवरी में पहला सफल बकरी स्वंयवर संस्करण करने के बाद, बकरी स्वयंमवर (बकरी विवाह) का दूसरा संस्करण 11 मार्च 2018 यानि की रविवार को, गांव नेग्याना (पंतवाड़ी, नाग टिब्बा), टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड में आयोजित हुआ।साल 2017 में पहली बार बकरी चरवाहों के बीच इवोल्यूशन के बारे में जागरुकता फैलाने की सोच से इस स्वंयवर को आयोजित किया गया जो एक हिट साबित हुआ।

पिछले साल हुए आयोजन की सफलता और आसापस के लोगों की  रुचि को देखते हुए एक बार फिर इस स्वंयवर का आयोजन किया गया। आसपास के क्षेत्रों के स्थानीय ग्रामीण, राज्य और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों, स्थानीय राजनेताओं और स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को देखते हुए एक बार फिर इस साल भी बकरी स्वंयवर का भव्य आयोजन किया गया।

bakri swamvyar

आपको बतादें कि एक बार फिर इस स्वंयवर में भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया।इस आयोजन के बारे में बताते हुए ग्रीन पीपल के मणि महेश ने बताया कि इस साल बकरी स्वंयवर में 25 से भी ज्यादा प्रमाणित और प्रशिक्षित बकरी विषेशज्ञ और वैज्ञानिक,1500 से भी अधिक बकरी किसान,500 से ज्यादा प्रगतिशील बागवानी करने वाले और किसान,स्वदेशी नस्ल के 500 बकरियों ने भाग लिया और इस आयोजन में लगभग तीन हजार लोगों ने भाग लिया जिसमें काफी लोग विदेशी भी थे।

इस आयोजन को आयोजित करने वाली संस्था ने बातचीत में बताया कि बकरियों और भेड़ के विवाह के आयोजन के पीछे हमारे विचार को एक हास्य के माध्यम से लोगों में एक जागरुकता पैदा करना है।इसके माध्यम से हम दूर-दराज के आए बकरी किसानों को बेहतर ब्रिड के बारे में बताते हैं और उनके नस्ल सुधारने की विधि बताते हैं।

इस स्वंयवर में दो महिला बकरियां और एक भेड़ ने अपने जीवन साथी का चयन किया जैसा कि पशु चिकित्सा विशेषज्ञों और अन्य चिकित्सकों द्वारा निर्देशित किया गया, इसके बाद “सामुहिक बकरी विवाह” किया गया। बारात और बाराती ने मनोरंजन और नाटक के बीच क्षेत्रीय भोजन का आनंद लिया।

गौरतलब है कि इस साल के बकरी स्वंयवर की फाईनल जोड़ी रही

  • बकरीः आलिया संग डिल्लु
  • बकरीः श्रद्धा संग सोनू
  • वहीं भेड़ों में कंगना का साथ बबलू को मिला।

इस साल पिछले स्वंयवर की दुल्हन दिपिका,कैटरीना और प्रियंका अपने परिवार और बच्चों के साथ स्वंयवर में पहुंचे।इस स्वंयवर के मुख्य अतिथि गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी थे।गांव के लोगों से इस आयोजन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पहले हम केवल बकरे का मीट खाते थे क्योंकि हमें पता नहीं था कि इन बकरों का और भी इस्तेमाल हैं और आज ग्रीन पीपल के मदद से हम सब जागरुक हैं।

आपको बतादें कि बकरी स्वंयवर का पूरा श्रेय ग्रीन पीपल संगठन का जाता है जो साल 2015 से उत्तराखंड के उजड़े हुए गांव को बसाने में लगे है।साल 2015 में शुरु हुए ग्रीन पीपल ऑर्गनाइजेशन ने ना केवल गोट विलेज नाम से गांवो को बसाया बल्कि गांव में रहने वालो को रोजगार के नए साधन दिए।देहरादून से लगभग 3-4 घंटे दूरी पर बसा यह गांव गोट विलेज के नाम से भी जाना जाता है, जहां लोगो के राज़गोर का माध्यम है बकरी पालन। ग्रीन पीपल एक ऐसा ऑर्गनाइजेशन है जिसने राज्य से खाली हुए गांवो को एक फिर बसाने का बेड़ा उठाया और किसानों की जीने की एक नई राह दी है।इस समय राज्य में तीन गोट विलेज है जिसमे एक नागटिब्बा, दूसरा कानाताल और तीसरा दयारा बुग्याल मे है।

उत्तरकाशी क्यों पहुंचे क्रिकेटर युवराज सिंह,जानें

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yuvraj singh in uttarkashi

उत्तरकाशी/पुरोला। स्पोर्ट्स प्रीमियर लीग (एसपीएल) के समापन समारोह में भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह शामिल हुए। युवराज के स्वागत में रवाईं, जौनसारी और हिमाचली टीम ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इस मौके पर उन्होंने उपविजेता टीमों को पुरस्कार वितरण कर लोकगीतों पर जमकर ठुमके लगाए।

तहसील पुरोला क्षेत्र में कमल नदी के किनारे बने स्टेडियम में चल रही एसपीएल क्रिकेटर युवराज सिंह रविवार सुबह करीब 11 बजे हेलिकॉफ्टर से कमल नदी के तट पर बने स्टेडियम में उतरे, जहां वह करीब दो घंटे खिलाड़ियों के साथ रहे। करीब एक बजे देहरादून के लिए रवाना हो गए। युवराज ने कहा कि मां-बाप बच्चों को खेलने की पूरी आजादी नहीं देते हैं और छोटे शहर कस्बों में संसाधन भी पर्याप्त नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी छोटे शहर से हूं। छोटे शहरों में बच्चों को खेलने का कम मौका मिलता है। मेरी सभी अभिभावकों से अपील है कि अपने बच्चों को खेलकूद की प्रतियोगिताओं के लिए बढ़ावा दें। बच्चों के लिए जितना जरूरी पढ़ना है उतना जरूरी खेलना भी है। इस मौके पर पुरोला विधायक राजकुमार ने बताया कि युवराज के आने से क्षेत्रीय युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा वह अपने खेलों पर और ज्यादा ध्यान देंगे। 

महिलाओं के सम्मान से आदमी बनता है इंसान 

क्रिकेटर युवराज सिंह ने पुरोला में इंसानियत का पाठ पढ़ाया। युवराज सिंह ने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया गया है। लेकिन, मैं भी आम लोगों की तरह हूं। कोई छोटा-बड़ा नहीं है। हर व्यक्ति पहले इंसान है। मेरे सबसे पहले कोच मेरे पिता थे और बाद में उन्होंने बिशन सिंह बेदी की देखरेख में भी अभ्यास किया। तब बेदी ने उनसे कहा था कि आप अच्छा क्रिकेटर बनना चाहते हो या अच्छा इंसान। तो मैंने उनसे अच्छा इंसान बनने की बात कही थी। अच्छा इंसान बनना आदमी के जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए। आदमी अच्छा इंसान तब बनता है जब वह औरत की इज्जत करना सीखता है। इसलिए सभी महिलाओं की इज्जत और सम्मान करें।

पुलिस हाफ मैराथन में पहले स्थान पर रहे दिल्ली के सुभाष सिंह

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half marathon results of uttarakhand police

देहरादून। बीते साल दिसंबर में उत्तराखंड पुलिस द्वारा आयोजित हाफ मैराथन के परिणामों को लेकर आई आपत्तियों के बाद परिणामों को रोक दिया गया था। इसी क्रम के मैराथन की 07 किलोमीटर पुरुण वेटरेन वर्ग की हाफ मैराथन का रविवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स एकेडमी में दोबारा आयोजन किया गया। जिसके बाद परिणामों की घोषणा की गई।

उत्तराखंड पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड की ओर से महिला और सड़क सुरक्षा को लेकर बीते साल 17 दिसमबर को हाफ मैराथन का आयोजन किया गया था। मैराथन की 07 किमी पुरुष वेटेरन वर्ग में नतीजों को लेकर आपत्तियां आने के बाद रिजल्ट रोक दिए गए थे। इसमें टॉप 3 व टॉप 10 पर आरोप लगाए गए थे कि कुछ लोग 21 किमी के प्रतिभागियों के साथ ही दौड़ गए थे। ज्यूरी द्वारा तमाम पहलुओं पर चर्चा करके लिए गये निर्णय के बाद रविवार को 07 किमी पुरुष वेटेरन वर्ग हाफ मैराथन महाराणा प्रतात स्पोर्ट्स कालेज रायपुर में दोबारा आयोजित की गई। मैराथान गुरफूल सिंह, केजेएस कलसी व अनूप बिष्ट की देख-रेख में आयोजित हुई। जिसमें कुल 11 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। हाफ मैराथन में दिल्ली के सुभाष सिंह प्रथम, दिल्ली के ही दिनेश कुमार मीना द्वितीय व देहरादून के मुकेश राणा तृतीय स्थान पर रहे।

…तो बिना किताबों के बिना ही शुरू होगा नया सत्र

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देहरादून। राज्य के उत्तराखंड बोर्ड और सीबीएसई के सभी स्कूलों में एक अप्रैल से एनसीईआरटी की किताबों को लागू करने पर संशय की स्थिति बनी हुई है। सिर्फ दून की बात करें तो यहां 1580 सरकारी, सहायता और मान्यता प्राप्त व सीबीएसई बोर्ड के स्कूल हैं जिनमें 4 लाख से ज्यादा बच्चे पंजीकृत हैं। लेकिन, एनसीईआरटी की किताबें स्कूलों को उपलब्ध कराने के लिए दून के एक विक्रेता को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इतने स्कूलों को एक दुकान से किताबें उपलब्ध कराने के फैसले पर सवाल खड़े हो रहे हैैं। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन (पीपीएसए) ने यह सवाल उठाया है, एसोसिएशन का कहना है कि एक पुस्तक विक्रेता इतने सारेे स्कूलों को किताबें कैसे पहुंचाएगा जबकि नया सेशन शुरू होने में महज 20 दिन बचे हों।


बिना किताब छात्रों को होगी परेशानी
प्रदेश के हर स्कूल में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाए जाने के शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद किताबें प्रिंट होकर पहुंचनी तो शुरू हो गई हैैं, लेकिन इनके डिस्ट्रिब्यूशन को लेकर सवाल उठने लगे हैैं। आशंका जताई जा रही है कि सत्र की शुरुआत में छात्र-छात्राओं को किताबें की किल्लत से जूझना पड़ सकता है।
विभाग सिर्फ दावे कर रहा है
एनसीईआरटी की बुक्स की बिक्री शुरू हो गई है, लेकिन दून के प्राइवेट स्कूलों ने पर्याप्त किताबें न मिलने की बात कही है। राजधानी के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की संख्या 4 लाख से ज्यादा है, जिसमें से 2 लाख 40 हजार के करीब निजी स्कूलों के छात्र हैं, जिन्हें नई किताबें खरीदनी होंगी। इधर प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने कहा कि विभाग दावे तो बड़े-बड़े कर रहा है। लेकिन बाजार में किताबें नहीं मिल पा रही हैैं, जबकि जल्द ही नया एजुकेशन सेशन शुरू होने जा रहा है।
1580 स्कूलों के लिए एक डिपो क्यों ?
पीपीएसए ने इस बात पर सवाल खड़ा किया है कि दून के 1580 स्कूलों के लिए सिर्फ एक ही बुक डिपो (इंदर बुक डिपो) को डिस्ट्रिब्यूशन की जिम्मेदारी दी गई है। एक डिस्ट्रिब्यूटर कैसे इतने स्कूलों तक किताबें पहुंचाएगा। ऐसे में कैसे सेशन की शुरुआत में बच्चों को किताबें मिल पाएंगी। मामले में पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप का कहना है कि सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। बाजार में दुकानों में किताबें उपलब्ध नहीं हैं। 1-2 दुकानों में कुछ किताबें मिल रही हैं। इससे काम नहीं चलने वाला। ऐसे में बच्चों के लिए भी परेशानियां बढ़ने वाली हैं। हालांकि मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी ने बताया कि विभाग द्वारा निरंतर इस बात का ध्यान रखा जा रहा है। मामले में उनके द्वारा निरीक्षण कर किताबों को लेकर जानकारी जुटाई है। किताबें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैैं। इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जल्द ही कई दुकानों में किताबें मिलने लगेंगी।

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज सेना को सौंपने की कवायद फिर शुरू

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देहरादून। राज्य सरकार ने फिर एक बार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को सेना को सौंपने की कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीबीओआर पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के स्थापना दिवस पर कहा कि इस विषय में थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से बात हुई है। वह 18 मार्च को दून आ रहे हैं। यह प्रयास किया जा रहा है कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, देश को दूसरा आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज बनाया जाए।

दरअसल, बीते साल भी सरकार ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को सेना को सौंपे जाने की कवायद की थी। उस समय सेना की मेडिकल कोर की टीम ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का जायजा भी लिया। जिसके बाद सेना ने इसे लेने से मना कर दिया था। इससे सरकार की मुहिम को भी झटका लगा था। अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फिर इसे लेकर प्रयास शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि 18 मार्च को थल सेना अध्यक्ष दून आएंगे। वह यहां गढवाल राइफल के हॉस्टल का शुभारंभ करेंगे। उनसे बात की है। यह प्रयास रहेगा कि वह खुद श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का जायजा लें। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड एक सैन्य बहुल क्षेत्र है। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज देश का दूसरा अम्र्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज बने। इससे पहाड़ की स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। बता दें कि देश का एक मात्र एएफएमसी पुणे में संचालित हो रहा है। जहां नीट के माध्यम से प्रवेश होते हैं। हालांकि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को एएफएमसी में तब्दील करने से राज्य के युवाओं को नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीट में 85 राज्य कोटे की हैं। जबकि एएफएमसी में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। 

मुख्यमंत्री एप में शिकायत करने के 24 घंटे के अंदर लगा ट्रांसफार्मर

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उत्तराखंड सरकार राज्य के विकास हेतु निरंतर तत्परता से कार्य करने के साथ ही आम जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण भी कर रही है।15 दिसंबर 2017 को लांच हुई मुख्य मंत्री ऐप के माध्यम से भी प्रदेश की जनता द्वारा सीधे मा.मुख्य मंत्री जी को अपनी समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है जिनका मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार संबंधित विभाग द्वारा  त्वरित समाधान किया जा रहा है।

इस क्रम में  मा० मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के ऑफिसियल मोबाइल एप (TSR APP)  के माध्यम से विगत दिनांक 6 मार्च को जनपद पिथौरागढ़ के ग्राम मझेड़ा पोस्ट भूला गांव के कैलाश चंद द्वारा गांव में विद्युत ट्रांसफार्मर काफी दिनों से खराब होने की शिकायत दर्ज की गई ।उक्त संबंध में मा. मुख्य मंत्री कार्यालय  के निर्देशानुसार विद्युत विभाग द्वारा तत्काल कार्यवाही करते  हुए 7 मार्च को ही खराब विद्युत ट्रांसफार्मर को बदल कर गांव की विद्युत ब्यवस्था बहाल कर दी। मात्र 24 घंटे  में तत्काल कार्यवाही कर गांव मै विद्युत ब्यवस्था बहाल करने तथा सरकार की इस बेहतर कार्यप्रणाली पर मझेड़ा के ग्रामीणों द्वारा मा. मुख्य मंत्री जी का आभार ब्यक्त करते हुए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया।