देशभर की अचल संपत्तियां अब आधार से लिंक होंगी। इतना ही नहीं 15 अगस्त यानि आजादी के दिन से पहले ये संपत्तियां आधार से लिंक करानी होंगी। सरकार के इस कदम के बाद अब कोई भी व्यक्ति अचल संपत्ति खरीदकर छुपा नहीं सकेगा। उसे बेनामी नहीं रख पाएगा। भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत प्रत्येक अचल संपत्ति मकान, प्लॉट, खेत, जमीन को 14 अगस्त तक आधार नंबर से जोड़ा जाएगा। सरकार द्वारा काले धन पर लगाम लगाने और बेनामी संपत्तियों को सामने लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। निर्देशों के मुताबिक सभी कृषि, गैर कृषि भूमि, निजी व सोयायटी आदि की संपत्तियों को आधार नंबर से लिंक होना अनिवार्य कर दिया गया है।
निर्देशों के तहत यह सभी राज्य, केंद्र शासित राज्य और एनसीआर में लागू कर दिया गया है। राज्यों को अचल संपत्तियों में भू-अभिलेख, म्यूटेशन, खरीद व बिक्री आदि रिकॉर्ड को आधार से लिंक करना होगा। अनुसचिव भारत सरकार द्वारा सर्कुलर जारी करते हुए सभी राज्यों में अचल संपत्तियों को 14 अगस्त तक अनिवार्य रूप से आधार से लिंक करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा होने के बाद जमीन खरीद-बिक्री में होने वाले फर्जीवाड़े भी पूरी तरह समाप्त हो जाएंगे। बैंक खाता की तरह प्रत्येक व्यक्ति के पास मौजूद अचल संपत्ति की जानकारी शासन के पास हमेशा उपलब्ध रहेगी।
पीसी दुम्का, सचिव, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने बताया कि आधार और पैन के साथ संपत्तियों को जोड़ने से अधिकारियों को असली संपत्ति धारक की पहचान करने में आसानी होगी। साथ ही भूमि की बुनयादी जांच करने पर अधिकारीयों को पता चल जाएगा जमीन अवैध है या नहीं। बड़े शहरों में इस कार्य का जिम्मा विकास प्राधिकरणों का होगा। सरकार के इस कदम के बाद बेनामी संपत्तियां सामने आएंगी। इसके अलावा, कालेधन पर भी लगाम लगेगी। कुल मिलाकर इसे फैसले से कार्यों में पारदर्शिता आएगी।





















































