इन बच्चों ने ठानी कि हम अपनी क्लास खुद सजाएंगे

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    देहरादून के लक्खीबाग की संकरी गलियों से गुज़र कर दरभंगा गली के पास है नियो विशन फाउडंशन का ये स्टडी सेंटर। इस सेंटर में कक्षा 4-12 के 32 बच्चें पढ़ते हैं जिनमें से 23 लड़कियां हैं। ये सभी बच्चे गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों से हैं और इन्हें यहां मुफ्त में ट्यूशन, और समाज के तौर तरीकों के बारे में पढ़ाया जाता है। इसके साथ साथ बच्चों के मनोबल को बढ़ाने के लिये उन्हें युनिफार्म आदि भी दी जाती है।

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    ये पूरा सेंटर वोलेंटियर के सपोर्ट से चसता है जो समय समय पर यहां आकर बच्चों के साथ वक्त बिताकर उनका मनोबल बढ़ाते हैं। इसी सिलसिले में गुड़गांव की नेहा नेगी और उनकी बहन ने यहां के बच्चों के साथ मिलकर दो दिनों में चूना, पेंट आदि खरीद कर इस सेंटर की दीवारों  में सपनों के रंग भर दिये। बच्चों ने मिल कर अपनी कक्षा को अपनी मेहनत व लगन से इतना सुंदर बना दिया कि यह बदरंग दिवारे भी रातों रात अपना रंग बिखेरने लगी।

    नेहा बताती है कि, “मुझे एक दोस्त के ज़रिये इस सेंटर के बारे में पता चला, तो मैं अौर मेरी बहन दोनों ने दिवाली की छुट्टियों पर यह पहुँची अौर इन बच्चों के साथ मिल कर हमने बहुत कुछ सीखा अौर सिखाया भी’

    दो दिन के is सफर में नेहा अौर ईशा को इन बच्चों की रचनात्मकता और लगन बड़ी ही ताज्जुब करने वाली लगी, नेहा बताती है कि, “दो दिन के इस वर्कशाॅप में इन बच्चों का उत्साह देखने लायक था, हमने इनके साथ मिलकर पुरानी प्लास्टिक बोतलों के साथ रातों रात दिवार पर टांगने वाले वाॅल हैंगिंग भी बनाएं”

    नियो-विज़न फाउंडेशन के डायरेक्टर गजेंद्र रमोला का कहना है कि, ‘बच्चो ने इस कार्य को करके यह दिखा दिया के हर बच्चे और शिक्षक को अपने विद्यालय के प्रति अगर प्रेम हो तो कोई सरकारी स्कूल कभी बंद नहीं होगा।