शिक्षा मंत्री ने माना राज्य के नगरीय क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी कमी

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देहरादून। राज्य के नगरीय क्षेत्रों में आरटीई के मानकों अनुसार शिक्षकों में भारी कमी है, इस बात सरकार भी मानती है। शिक्षामंत्री अरविंद पाण्डेय मानते हैं कि राज्य के नगरीय क्षेत्रों में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की सेवानिवृत्त होने के बाद नई नियुक्ति नहीं हुई है, जिसके अनुसार आरटीई के मानकों के अनुसार तमाम पद रिक्त हैं।

शिक्षामंत्री अरविंद पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि 21 नगर क्षेत्रों में 224 विद्यालयों में आरटीई के मानकों के अनुसार 753 पद सृजित हैं, जबकि यहां 585 शिक्षक कार्यरत हैं। इस प्रकार 168 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। यही स्थिति राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों की है, जहां 16 नगर क्षेत्रों के 48 विद्यालयों में 162 पद स्वीकृत हैं, जहां 152 शिक्षक कार्यरत हैं। यहां भी 10 शिक्षकों की कमी है। इन विद्यालयों में प्रारंभिक शिक्षा के अन्तर्गत मानक से अधिक शिक्षकों के समायोजन स्थानांतरण से नगर क्षेत्र के विद्यालयों के रिक्त पदों पूर्ति करने की कार्रवाई चल रही है।
शिक्षामंत्री ने बताया कि राज्य में सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत समावेशी शिक्षा योजना में दिव्यांग बच्चों को शिक्षित किए जाने हेतु जनपद स्तर पर उत्तरकाशी, हरिद्वार, देहरादून एवं चम्पावत में एक-एक रिसोर्स पर्सन कार्यरत हैं, शेष 9 जनपदों में अभी यह व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-2016-17 में सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत भारत सरकार मानदेय की धनराशि स्वीकृत न होने के कारण शेष जनपदों में रिसोर्स पर्सन योजित नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत माध्यमिक प्रक्रम पर दिव्यांगों की समावेशी योजना ने जनपद बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, हरिद्वार, पौड़ी, पिथौरागढ़ एवं टिहरी में योजना के अन्तर्गत 34 विशेष शिक्षक उपनल के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। शेष पांच जनपदों में विशेष शिक्षक कार्यरत नहीं हैं। इसका कारण बजट प्रावधान न होना है।