गर्मी की तपिश बढने के साथ सजी देशी फ्रिज की दुकानें

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ऋषिकेश। गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही शीतल पेय पदार्थों की तलाश बढ़ जाती है। इसमे गरीब तबका भी पीछे नहीं है। वह देशी फ्रिज कहे जाने वाले घड़ा व सुराही की व्यवस्था में जुट गया है। गर्मी को देखते हुए इसकी बिक्री भी कई गुना बढ़ गई है।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश मे बड़ी संख्या मे आज भी ऐसे लोग हैं जो गर्मी के मौसम मे फ्रिज के ठंडे पानी के बजाए मटको और सुराई के पानी को ही तवज्जो देते हैं। इसके अलावा गरीब तबके के लिए तो यही वाटर कूलर भी है और यही फ्रिज भी। मौसम के बदले मिजाज के बीच मुर्खजी बाजार मे घड़े व सुराही की दुकानें सज गई हैं। मटका केवल गरीबों का फ्रीज ही नहीं बल्कि, पानी की शीतलता और सोंधी महक से उच्च वर्ग भी इससे अछूता नहीं है। फ्रिज और आरओ का पानी पीने वाले तमाम लोग मटके का पानी भी पंसद करते हैं। व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि गर्मियों में मटकों की बिक्री में बढ़ोतरी हो जाती है। करीब सप्ताह भर से सजी देशी फ्रिज की दुकानों पर अब रौनक दिखने लगी है। महंगाई का असर मिट्टी के इन बर्तनों की कीमत पर भी दिखने लगा है। दो-तीन वर्ष पहले जो सुराई 30 से 40 रुपये में मिल जाती थी वहीं अब इनकी कीमत 50 से 70 रुपये हो गई है। मटको के डिजाइन इस बार और आर्कषक हुए हैं।बेहद खूबसूरती के साथ तैयार किए गये मटको मे नल भी लगे आ रहे हैं।इनकी कीमत 200 से 250 रुपये तक है।इन सबके बीच आने वाले दिनों मे गर्मी की तपिश बड़ने पर देशी फ्रिज बेचने वालों के धंधे मे और ज्यादा उछाल आना तय माना जा रहा है।