चाॅपर से दयारा के मक्खन फेस्टिवल में पहुंचना हुआ और आसान

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उतत््राकंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य के त्योहारों और मेलों को लोगों से जोड़ने की पहल उत्तरकाशी के में देखने को मिली। पहली बार पर्यटन विभाग ने उत्तरकाशी जिले में आयोजित सालाना दयारा बुग्याल त्योहार में जाने के इच्छुक पर्यटकों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की है। इस मेले को बटर फेस्टिवल और क्षेत्रीय भाषा में अंधूरी उत्सव भी कहा जाता है जो 17 अगस्त को मनाया गया। इस त्यौहार के दौरान, बुग्याल में गांववाले एक दूसरे के साथ ‘मक्खन होली’ खेलते हैं। ये बुग्याल लगभग 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए लोगों को ट्रेकिंग करना पड़ता हैं जो लगभग 5 किमी लंबा है। राठल और दयारा के बीच 5 किमी लंबी दूरी के लिए चाॅपर सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

Butter-Festival-Uttarakhand

राज्य पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दयाारा बुग्याल में हेलिकॉप्टर सेवा का स्वागत किया और कहा कि दयारा बुग्याल के मक्खन का त्योहार उतना अनोखा और रोचक है जितना टमाटर का त्योहार ‘ला टोटेटिना’ जो अगस्त के महीने में स्पेन में आयोजित किया गया था। जिस तरह से स्पेन में मनाया जाने वाला टमाटार का त्यौहार पूरी दुनिया में मशहूर हैं उसी प्रकार दयारा का मक्खन फेस्टिवल भी दुनिया में प्रसिद्ध होने की संभावना रखता है। दयारा में, लोग दूध, दही और मक्खन के साथ एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं और एक दूसकों को इन्हीं चीजों से सराबोर कर देते हैं।

उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेटी आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि,”हेलिकॉप्टर सेवा ने सुंदर दयारा बुग्याल को देखने के लिए अातुर लोगों के प्रोग्राम में चार चांद लगा दिया है।इसके अलावा दयारा बुग्याल में इस सेवा से सुविधाओं के प्रचार और प्रसार में एक और मील का पत्थर जोड़ा है।”

हेरिटेज एविएशन के मालिक व इस सेवा शुरु करने वाले रोहित माथुर ने कहा कि ”उड़ानों की उपलब्धता से 5 किलोमीटर का सफर पांच से सात मिनट में तय हो जाएगा।” राठल से दयारा केवल 2500 रूपए में जाकर और 1500 रूपए में लौट सकते हैं।यह उड़ानें सुबह 6 से शाम 6 तक चलेंगी। माथुर ने कहा कि उड़ानों की सुविधा तीन दिनों के लिए दी जाएगी, क्योंकि लोग आम तौर लोग पर एक दिन पहले आना शुरू करते हैं और एक दिन बाद ही वापस जाते हैं।

माथुर ने कहा कि ”कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक भी इस अलग तरह की होली को देखने के लिए दयारा बुग्याल पहुंचते हैं। “हम इस साल दस लाख लोगों की भीड़ की उम्मीद कर रहे हैं कि वह बटर फेस्टिवल में भाग लेने के लिए दयारा बगयाल तक पहुंचे।हमें खुशी है कि राज्य सरकार ने ट्रेक मार्ग के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं की हमारी मांग को स्वीकार कर लिया है क्योंकि मैदानी इलाकों से आने वाले अधिकांश लोग ट्रेक करने के आदि नहीं होते और एक तरफ से उन्हें दयारा तक पहुंचने में पांच घंटे से ज्यादा समय लगता है। “