नही थम रहे गंगा में हादसे,पिछले 5 सालों में 135 पर्यटक गंवा चुके हैं अपनी जान

लहरो की रोमांच का खेल रिवर राफ्टिंग ने ऋषिकेश की पहचान देश -विदेश में इस खेल से बनायीं है, लेकिन पिछले कुछ सालो से यहाँ के राफ्टिंग जोन में हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे है। दिल्ली उत्तराखंड में पर्यटन आर्थिक रीड माना जाता है ऐसे में साहसिक पर्यटन की पहचान पूरे विश्व में रिवर राफ्टिंग से होती है। बीते कुछ सालो में इस साहसिक खेल पर हादसों का ऐसा धब्बा लग गया है जिस में मौज-मस्ती के लिए आया पर्यटक अपनी जान तक गवा चुके है लेकिन हादसे है की रुकने के नाम नहीं ले रहे है।

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बात करें बीते हफ्ते की जो पर्यटकों की जान पर भारी पड़ा है और 6 लोगों की गंगा में डूबने से मौत हो चुकी है ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब तक पर्यटक मौत के मुंह में समाते रहेंगे और जिम्मेदार विभाग आंखें मूंदे बैठे रहेंगे। पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड की खास पहचान गंगा में रिवर राफ्टिंग है जिसके लिए ऋषिकेश का रिवर राफ्टिंग जोन देश विदेश में अपनी खास पहचान रखता हैं। गंगा के इस क्षेत्र में वर्ड फेमस 7 इसे रैपिड है जिनका रोमांच पर्यटकों को जिन्दगी भर याद रहता है ,लेकिन बीते कुछ समय से गंगा के ये रैपिड पर्यटकों को की जान के दुश्मन बन गए है जिस में आये दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है। पिछले 5 सालों के आंकड़ों को देखा जाए तो गंगा नदी में डूबकर 138 लोग अपनी जान गवा चुके हैं तो वही पिछले 1 महीने में 6 लोगों ने गंगा में डूबने से अपनी जान गवाई है। राफ्टिंग के लिए आए 6 लोगों की गंगा में नहाते वक्त मौत हुई है लेकिन हादसे हैं कि थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इधर पुलिस प्रशासन का कहना है कि हम इस पूरे क्षेत्र में चेतावनी बोर्ड लगाकर लोगों को जागरुक करते हैं लेकिन बाहर से आए हुए पर्यटक नियमों की अनदेखी करके गंगा में नहाने के लिए उतर जाते हैं जिसके चलते हादसे हो जाते हैं।

पिछले एक माह में गंगा में डूबने से 6 की मौत आंकड़ों पर एक नजर-

  • 13 मई :-    गंगा में डूबने से सुभाष( 34 )निवासी दिल्ली की मौत
  • 12 मई :-    मुनि की रेती में धर्मपाल भंडारी (26) निवासी शिवपुरी की गंगा में डूबने से मौत
  • 7 मई :-      बैराज रोड क्षेत्र में गंगा में डूबने से बलवंत बिष्ट बिष्ट(30) निवासी मुरादाबाद की मौत
  • 4 मई :-      शिवपुरी में गंगा में नहाते समय डूबने से हरीश नौटियाल (25) निवासी टिहरी गढ़वाल की मौत
  • 23 अप्रैल:-  मुनि की रेती में गंगा में डूबने से वीरेंद्र (42) निवासी यमकेश्वर पौड़ी की मौत
  • 30 अप्रैल :-  शिवपुरी क्षेत्र में डूबने से नीरज (26) निवासी गुरुग्राम फरीदाबाद की मौत

बीच कैंपिंग में आए हुए लोग गंगा और उसकी सहायक नदियों पर उतर कर कभी फोटो खिंचाने कभी नहाने के चलते गहरे पानी में समा जाते हैं जिसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन और बीच कैंपिंग संचालकों की बनती है जो अपने यहां रुके पर्यटकों को गंगा में नहाने से नहीं रोक पाते। गौरतलब है कि गंगा बीच कैंपिंग में नियमों को ताक पर रखकर पर्यटक शराब और नशाखोरी की महफिल सजाते हैं जो पर्यटकों की मस्ती पर भारी पड़ती है और लगातार गंगा में डूबने से हादसे बढ़ते जाते हैं। ऐसे में वन विभाग का कहना है कि हम नियमों और कायदों की अनदेखी पर जल्द ही एक टीम बनाकर कार्यवाही करेंगे जिसे सभी राफ्टिंग संचालकों और बीच कैंपिंग संचालकों को सकती से को सख्ती से पालन करना पड़ेगा।

नियमो और कायदों की अनदेखी कर गंगा में रिवर राफ्टिंग करना पर्यटकों की जान पर भारी पड रहा है ,लगातार पर्यटन जोन में हो रहे हादसे यहाँ के राफ्टिंग उद्योग के लिए खतरनाक साबित हो रहे है जिसके लिए इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को सचेत हो जाना चाहिए और बीच कैंपों के साथ-साथ रिवर राफ्टिंग के लिए भी स्ख्ति से नियम कायदों का पालन होना चाहिए।