पर्यटकों की पहली पंसद बनी तीर्थ नगरी ऋषिकेश

0
541

ऋषिकेश। तीर्थ नगरी गर्मियों की ही नहीं बल्कि सालभर सैलानियों की पहली पसंद है। हर सप्ताहांत  में हजारों पड़ोसी राज्यों से सैलानी ऋषिकेश में पहुंचते हैं। विदेशी सैलानी भी बड़ी  संख्या में आते हैं। मई व जून यहां का पीक सीजन माना जाता है। इस दौरान भी प्रशासन सैलानियों की सुविधा का पूरा ध्यान नहीं रख पाता है। जबकि गर्मी से निजात पाने के लिए सैलानी आते हैं। पिछले एक सप्ताह से धर्मनगरी में सैलानियों की संख्या बढ़ गई है। होटल पैक, सड़कें जाम और सैलानी सफर में हैं।

।दिलचस्प यह भी है कि पर्यटकों की जबरदस्त आमद के बावजूद पर्यटन के क्षेत्र में धर्मनगरी में कोई बड़ा आधारभूत ढांचा नहीं बना है, जो बना है, उसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा है। सैलानी राम झूला, लक्ष्मण झूला माल में घूमने के लिए आते हैं। यहां न तो कोई नया पर्यटन स्थल तैयार हो पाया है और न पर्यटकों की सुविधाओं के लिए आधुनिक आधारभूत ढांचा बना है।ऋषिकेश में सड़कों का चौड़ीकरण न होने की वजह से पूरी नगरी जाम से परेशान है। सड़कों पर वाहन दौड़ने के बजाय रेंग रहे हैं। यहां घूमने के लिए पहुंच रहे सैलानियों का अधिकतर समय सफर में व्यतीत हो रहा है। शहर के होटलों में पार्किंग कोई नहीं है। ऐसे में निजी वाहनों के साथ पर्यटकों को वाहन पार्क करने के लिए दिक्कत पेश आती है। टूरिस्ट सीजन में प्रशासन को शहर के प्रतिबंधित मार्गो को खोलना पड़ता है। पर्यटकों को सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ते हैं।
 टूरिस्ट सीजन में पूरा शहर जाम हो जाता है। सैलानियों के साथ लोग भी परेशान होते हैं। स्कूली बच्चों व कर्मचारियों को जाम से जूझना पड़ता है। इस दौरान लोग घरों से निकलने में परहेज करते हैं।शहरवासियों का कहना है कि शहर को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। जाम के कारण सैलानी ऋषिकेश में कम समय बिता रहे हैं। इसके लिए सरकार को प्लान तैयार करना चाहिए।स्टे बढ़ाने के लिए पार्किंग की व्यवस्था जरूरी है। पुलिस अधिकारी भी सड़क पर उतर कर काम कर रहे हैं, लेकिन राहत फिर भी नहीं मिल पा रही है। इसके लिए प्लान बनना चाहिए।
 इस समस्या पर सी ओ वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि कुछ दिनों से वाहनों की संख्या बढ़ी है।  लोगों को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए काम किया जा रहा है। वहीं पर्यटन अधिकारी केके श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से ऋषिकेश के तमाम होटलों धर्मशाला में कमरे फुल हो चुके हैं ।इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक पर्यटक  ऋषिकेश आ रहे हैं  जिसका प्रभाव स्थानीय व्यापार पर भी पड़ रहा है।