डीएम के प्रयासों से रंग गई प्राथमिक स्कूल की दिवारें

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अल्मोड़ा, बीते दिनों अल्मोड़ा ज़िले में प्राथमिक स्कूलों की रुपरेखा बदलने का काम किया गया, इस पूरी प्रक्रिया को रुपांतरण परियोजना का नाम दिया गया।

आपको बतादें कि रूपांतरण परियोजना अल्मोड़ा जिले में मौजूद सभी सरकारी विद्यालयों के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया है जो सबसे पहले ताड़ीखेत ब्लॉक से शुरू हो कर धीरे-धीरे पूरे जिले में संचालित होने जा रहा है। अल्मोड़ा जिले में रूपांतरण परियोजना को अभियान के रूप में चलाया जा रहा है जिसका पूरा श्रेय डीएम अल्मोड़ा नितिन भदौरिया को जाता है जिनके प्रयासों के चलते यह सारे फायदे हर एक तक पहुंच पा रहे है।

पहले चरण में हर ब्लॉक से छः-छः विद्यालयों में रूपांतरण परियोजना चलाया जाएगा। इस साल कुल 100 विद्यालयों में कार्यक्रम चलाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिये जिला स्तर पर पैसों की व्यवस्था की गई है, इस परियोजना का अनुमोदन मुख्यमंत्री ने भी किया है।

अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लॉक से शुरू रूपांतरण परियोजना  की मुहिम पूरे प्रदेश में अमल में लाई जाएगी। इस कार्यक्रम के तहत इस स्कूल में बच्चों के लिए फर्नीचर, पेयजल, खेलकूद का सामान, संगीत का सामान, कम्प्यूटर,टेलीविजन, प्रोजेक्टर के साथ स्कूल भवनों को आकर्षक बनाने और बच्चों को आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने का प्रयास किया जाएगा। इससे न सिर्फ सरकारी शिक्षा गौरवमयी बनेगी साथ ही साथ पहाड़ो के वंचित बच्चो को भी बेहतर और शहर के बच्चो की तरह शिक्षा सुविधा मिल पाएगी ।

इस बारे में जब हमने राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला, अल्मोड़ा जो कि दुर्गम क्षेत्र में आता है उसके सहायक अध्यापक भास्कर जोशी से बात की तो उन्होंने हमें बताया कि,”ब्लॉक स्तर से निवेदन करने के बाद भी मेरे विद्यालय को दुर्गम व दूरस्थ होने के कारण इस प्रकिया में शामिल नही किया गया है। हालांकि अभी तक सभी रूपांतरण रोड किनारे(सुगम) के विद्यालयों में ही हो रहे हैं जो मुझे एक विरोधाभास लगा मेरा खुद का मानना है कि सुविधाएं हर बच्चे को मिलनी चाहिए। बस इसी सोच के साथ मैंने डीएम अल्मोड़ा को अपने कार्यों के बारे में बताते हुए एक पत्र लिखा और निवेदन किया कि रूपांतरण परियोजना  को मेरे विद्यालय में भी शुरु किया जाए, और उन्ही के कारण आज राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला विकासखंड धौलादेवी जिला अल्मोड़ा का अकेला दुर्गम स्कूल है जहाँ रूपांतरण का कार्य किया जा रहा है।”

अल्मोड़ा जिले में होने वाला यह रुपांतरण परियोजना  ना केवल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल आने के लिए आकर्षित करेगा बल्कि स्कूल की हर एक दिवार से बच्चे कुछ ना कुछ सीख सकते हैं। आखिरी में भास्कर कहते हैं कि, ”यह एक हौसला देने वाला कदम है प्रशासन की तरफ से उम्मीद जगती है कि हम अकेले नही है,संघर्ष चलता रहेगा अब इतनी सुविधाएं आ रही है तो अगला मुकाम होगा कि आने वाले समय में बच्चो को नवोदय ,घोड़ाखाल जैसे विद्यालयों के लिए तैयार किया जा सके जिससे यह बच्चे भविष्य में जिले के साथ-साथ प्रदेश का नाम रौशन कर सकें।”