लेट फीस जमा करने में कश्मीर के छात्र असक्षम,परीक्षा में बैठने का संकट

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Representative Image Credit: Google

देहरादून, शहर में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों ने अपने शिक्षण संस्थानों पर आरोप लगाया कि उनके कॉलेजों ने देर से शुल्क लिया और उन्हें धारा 370 के निरस्त होने के बाद छात्र वापस अपने कालेजो में आये तो उन पर कम उपस्थिति के लिए जुर्माना लगाया गया, जिसे भरने में छात्र सक्षम नही हो पा रहे इस स्थिति में उनका परीक्षा में बैठना मुश्किल हो जाएगा।

वही कॉलेजों के प्रबंधन ने बताया कि “लेट फीस एक ऐसा मानदंड है जो हमेशा लागू होता है और यह सभी से लिया जाता है ।’

देहरादून के कुछ हिस्सों में पढ़ने वाले कई कश्मीरी छात्रों ने आरोप लगाया है कि उनके कॉलेजों ने उनसे लेट फीस वसूल की और उन पर कम उपस्थिति के लिए जुर्माना लगाया क्योंकि वे धारा 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में बंद होने के कारण अपने शैक्षणिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे। दाऊद मुजफर, कश्मीरी छात्र कहा कि उनसे 5,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये तक की राशि ली जा रही है। छात्रों ने कहा कि जब उन्होंने अपनी चिंताओं का हवाला देते हुए अपने संस्थानों के प्रशासन से संपर्क किया था, तब भी उन्हें या तो जुर्माना अदा करने को कहा और जुर्माना न चुकाने की स्थिति में पेपर से वंचित किया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के प्रवक्ता नासिर ख़ुहामी ने दावा किया कि देहरादून में 300 से अधिक कश्मीरी छात्र हैं, जिन्हें कॉलेजों द्वारा लेट फीस और कम उपस्थिति का जुर्माना देने के लिए कहा जा रहा है। देहरादून में अधिकांश छात्र उत्तरांचल कॉलेज, साईं संस्थान और माया कॉलेज से हैं। नासिर ख्यूहमी ने कहा कि छात्रों के लिए उस समय यह सुनिश्चित करना असंभव था कि घाटी में संपर्क टूट गया था और सब कुछ कई हफ्तों तक रुक गया था। हमने कॉलेज प्रशासन से जुर्माना माफ करने और अतिरिक्त कक्षाएं संचालित करने की अपील की है ताकि सभी विषयों को कवर किया जाए, जिससे वे कम से कम परेशान हो खौहमी ने कहा, एसोसिएशन ने उत्तराखंड सरकार से भी आग्रह किया है उन की समस्याओं को जल्द हल किया जाय।

सन्ध्या डोगरा, प्रिंसिपल साईं मेडिकल कालेज के अनुसार यह नियम है और बिना ये राशि जमा किये बगैर उनका परीक्षा में बैठना मुश्किल है, इस राशि को ऑनलाइन जमा करना होता है जो कि हेमंती नन्दन विश्वविद्यालय के खाते में जाता है इसमें कालेजों का कोई रोल नही है, साथ ही जुर्माना राशि सभी वर्ग के छात्रों को देनी होती है, क्योकि ये यूनिवर्सिटी का नियम है और फीस जमा न होने की स्थिति में एडमिट कार्ड नही आएगा, जिसके कारण परीक्षा से वंचित रहना पड़ेगा।