कर्नाटक चुनाव : स्‍टार अभिनेत्रियों में कांग्रेस भाजपा से आगे

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दक्षिण के राज्यों में फिल्‍म अभिनेत्रियों के लिए दीवानगी कोई नई बात नहीं है, हर राजनीतिक पार्टी इनका उपयोग चुनाव के दौरान अपने प्रचार के लिए करती देखी गई है। दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में अम्‍मा के नाम से विख्‍यात रहीं अभिनेत्री से मुख्यमंत्री बनी जयललिता को आज कोई नहीं भूलता, ऐसी ही दीवानगी अन्‍य फिल्‍म अदाकाराओं के प्रति दक्षिण के अन्‍य राज्‍यों में दिखाई देती है। इस बार भी यहां कर्नाटक में 15वीं विधानसभा के लिए हो रहे चुनावों में अभिनेत्रियों का राजनीति में सीधा ग्‍लैमर दि‍खाई दे रहा है, जिसमें राज्‍य की राजनीति में सबसे अधिक सत्‍ता प्राप्‍त करने की दावेदार कांग्रेस और भाजपा में यह अभिनेत्रियां ज्‍यादा सक्रिय हैं। इसमें स्टार कैंपेनर के रूप में कांग्रेस अभी कर्नाटक में भाजपा से आगे चल रही है। जब भी कोई फिल्‍म अदाकारा कांग्रेस कार्यालय पहुंचती है तो पार्टी कार्यकर्ताओं से ज्‍यादा उसकी एक झलक देखने के लिए दीवानों का हूजूम पहले से वहां मौजूद रहता है।

अपने खुले विचारों और अभिनय के लिए मशहूर अदाकारा खुशबू और नगमा इन दिनों एक बार फिर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाकर सिद्धरामय्या को मुख्‍यमंत्री बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करती नजर आ रही हैं। कन्नड़ फिल्मों की प्रमुख अभिनेत्रियां रम्या और भावना कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति की पूर्व से सदस्य रहती आई हैं। उनके चुनाव प्रचार अभियान में जोर-शोर से शामिल रहती ही है। जबकि भारतीय जनता पार्टी को सांसद हेमामालिनी और हिन्‍दी धारावाहिकों से प्रसिद्ध‍ि के मुकाम तक पहुंची केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी का साथ हैं।

अभिनेत्री खुशबू के बारे में जानें तो यह कांग्रेस में शामिल होने के पहले तमिलनाडु की डीएमके पार्टी से जुड़ी थीं लेकिन वह अपना सामंजस्य बैठाने में वहां नाकामयाब रहीं, उसके बाद खुशबू ने कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और पार्टी में काम करने की अपनी इच्‍छा जाहिर की, श्रीमती गांधी की तत्‍काल इसके लिए हामी मिली और उसके बाद कांग्रेस की सदस्यता लेकर वे पार्टी में सक्रिय हो उठीं। खुशबू को उनके विवादास्‍पद बयानों के लिए भी जाना जाता है। तमिलनाडु सरकार की तरफ से बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड पाने वाली खुशबू एक साथ हिंदी, मराठी, अंग्रेजी, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ जैसी भाषाएं बोल लेती हैं। अभी जब वे कांग्रेस कार्यालय आती हैं तो उनसे पहले उनके फैन्‍स वहां पहुंच जाते हैं।

इसी प्रकार से कांग्रेस में एक चर्चित नाम यहां अभिनेत्री नगमा का है। हिन्दी, भोजपुरी, दक्षिण भारतीय की तमाम भाषाओं की फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी नगमा आज कांग्रेस की स्टार प्रचारक होने के साथ ही अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव हैं। वर्ष 1990 में फिल्म ‘बागी’ से उनका फिल्‍मी करियर शुरू हुआ था। यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में 7वें नंबर पर थी। बॉलीवुड में पहली हिट देने के बाद वे साउथ फिल्म उद्योग में चली गईं और प्रसिद्ध‍ि पाने में सफल रहीं। वह अब तक तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ की 80 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं। नगमा ने कांग्रेस के बैनर तले वर्ष 2014 मेरठ में लोकसभा चुनाव लड़ा था और चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस एमएलए गजराज सिंह ने जनता के बीच उनका हाथ पकड़ लिया था और उन्हें चूमने की कोशिश की थी। जिसके बाद यह मामला सोशल मीडिया में काफी तूल पकड़ा था, इस समय तक जो नहीं जानते थे नगमा को, वह भी उनकी हिम्‍मत को सराह रहे थे।

कांग्रेस की इन दो स्‍टार प्रचारकों के अलावा जो बड़ा नाम इस समय कर्नाटक विधानसभा चुनाव में चर्चा में है वह है भाजपा की ओर से स्‍टार प्रचारक बनाई गई ड्रीम गर्ल के नाम से मशहूर व शोले और क्रांति जैसी सफल फिल्मों की अभिनेत्री हेमा मालिनी का । एक एक्टर के साथ डांसर, निर्माता, निर्देशक तथा भारतीय राजनीति में राजनेताओं के बीच वे आज सफलतम राजनेता हैं। 1999 में हेमा पहली बार राजनैतिक गतिविधि में सक्रीय हुई थीं, जब उन्होंने विनोद खन्ना के चुनाव प्रचार में उनका साथ दिया था, तभी सक्रिय रूप से बीजेपी के संपर्क में आने का मौका भी उन्‍हें मिला, उसके बाद उन्‍होंने भाजपा की सदस्‍यता ले ली थी। हेमा मालिनी 2003 से 2009 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं। मार्च 2010 में उन्‍हें बीजेपी का जनरल सेक्रेटरी बना दिया गया। सन् 2014 के आम चुनाव में वे मोदी हवा के रथ पर सवार होकर मथुरा लोकसभा सीट से जनप्रतिनिधि चुनी गईं।

तमिल फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाली हेमा मालिनी अभी तक 200 से अधिक फिल्मों में कार्य कर चुकी हैं और उन्हें उनके श्रेष्‍ठ अभिनय के लिए कई अवार्ड मिले हैं। जिसमें कि 2000 में भारत सरकार द्वारा उन्‍हें पद्मश्री अवार्ड दिया गया। 1999, 2003 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड वे पा चुकी हैं। 2004 में आइकॉन ऑफ़ दी इयर अवार्ड मिला। उन्‍हें मोस्ट पोपुलर एक्ट्रेस इन इंडिया का ख़िताब 2005 में मिला है। वे अपने क्लासिकल डांस में योगदान देने के लिए भी कई बार भारत और भारत के बाहर बड़े बड़े सम्‍मान पा चुकी हैं। इसके अलावा भी हेमाजी को रजनीकांत लीजेंड अवार्ड, राजीव गाँधी सम्‍मान, पेटा पर्सन ऑफ़ दी इयर जैसे कई पुरस्‍कार और सम्‍मान अभी तक मिल चुके हैं।

भारतीय जनता पार्टी की ओर से दूसरा चर्चित अभिनेत्री का इस चुनाव अभियान में नाम टीवी धारावाहिक क्योंकि सास भी कभी बहू थी से चर्चित हुईं स्मृति इरानी का है। वे गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने से राजनीति में सबसे अधिक तब चर्चा में आई थीं जब मोदी गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे। 2004 में स्मृति ने तब नरेंद्र मोदी की बहुत तीखी आलोचना कर गुजरात दंगों के लिए गुनहगार ठहराते हुए इस्तीफे तक की मांग कर डाली थी। उन्‍होंने अपने जीवन में बांद्रा के मैकडॉनल्ड्स में काम करते हुए छोटे-मोटे सीरियलों में काम करना शुरू किया था, फिर वे सौंदर्य प्रसाधनों के प्रचार से लेकर मिस इंडिया प्रतियोगिता की प्रतिभागी भी बनीं। आगे एकता कपूर के सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में लीड रोल निभाने पर देश और दुनिया में उन्‍हें एक सफल टीवी कलाकार के रूप में पहचान मिली। समय गुजरने के साथ स्मृति ने टीवी शो भी प्रोड्यूस किया लेकिन उनका का राजनीतिक जीवन सन् 2003 से शुरू होता है, जब वे भारतीय जनता पार्टी की सदस्य बनीं और दिल्ली के चाँदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए उन्‍हें चुना गया। 2004 में महाराष्ट्र यूथ विंग का उपाध्यक्ष बनाई गईं। वर्ष 2011 में राज्यसभा के लिए नामांकित हो सांसद बनी और उसके बाद 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस के वर्तमान अध्‍यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्‍वास को वे कड़ी टक्‍कर देने में सफल रहीं। हालांकि इस सीट पर जीत कांग्रेस की हुई लेकिन पहले के मुकाबले जीत का अंतर बहुत कम रहा, जिसे देखते हुए भाजपा इस बार फिर यदि राहुल यहां से चुनाव लड़ते हैं तो उनके विरोध में पार्टी से चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है।

वास्‍तव में कुल मिलाकर इस तरह देखा जाए तो कर्नाटक में मुख्‍यमंत्री सिद्धरमैय्या के समर्थन में कांग्रेस का प्रचार करते ज्‍यादा अभिनेत्रियां पिछले 2013 की तुलना में चुनावी मैदान में नजर आ रही हैं लेकिन उधर, कहा यह भी जा रहा है कि कांग्रेस की सभी नेत्रियों पर भाजपा की यह दो नेत्रियां बहुत भारी पड़ने वाली हैं।