अटल अस्थि कलश यात्रा में टूटी राजनीतिक दलों की सीमाएं

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ऋषिकेश, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का ऋषिकेश से विशेष लगाव रहा है।कई बार अटल जी ने ऋषिकेश में प्रवास भी किया। यही कारण है ऋषिकेश में अटल जी की अस्थियां पहुंचने पर राजनीतिक दलों की आपसी सीमाएं भी टूट गई। क्या कांग्रेस या भाजपा और क्या अन्य दल सभी अटल जी को नमन करने और अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए त्रिवेणी घाट पहुंचने लगे। जयराम आश्रम के अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी का कहना है कि वह अटल जी की छवि से बेहद प्रभावित थे। 1970 में पहली बार जयराम आश्रम में अटल जी पहुंचे थे तब उनकी पहली मुलाकात हुई थी तब से वह अटल जी के व्यक्तित्व से प्रभावित रहे हैं।

हरिद्वार में भी वह शामिल हुए थे और उसके से त्रिवेणी घाट पर भी वह अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे हैं। वहीं कांग्रेस के नगर अध्यक्ष रहे विनय सारस्वत भी अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए त्रिवेणी घाट पहुंचे। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की अगुवाई में अटल कलश यात्रा ऋषिकेश नटराज चौक पर पहुंची। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग अटल जी के दर्शनों के लिए आये, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल के विधानसभा क्षेत्र में कलश यात्रा शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए त्रिवेणी घाट पहुंची। यहां विधि विधान के साथ पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां गंगा में प्रवाहित की गई। इस दौरान लोगों ने अटल बिहारी वाजपेई अमर रहे के नारे भी लगाए। कृषि मंत्री कहा कि आज हर युवा के हाथ में मोबाइल है। यह अटल जी की दें है। उनके दिशा निर्देशन में भाजपा ने देश को विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनके स्वर्ग सिधार जाने से देश को बड़ी क्षति पहुंची है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश को अटल बिहारी वाजपेई के जाने का दुख है। मौके पर पूर्व विधायक खजानदास, भाजपा नेता नरेश बंसल, चंद्रवीर पोखरियाल ,चेतन शर्मा, विपिन पंत, पंकज शर्मा, प्रदीप कोहली, कपिल गुप्ता, कविता शाह, स्नेहलता शर्मा, आशुतोष शर्मा, इंद्र कुमार गोदवानी, विवेक गोस्वामी, दीपक उनियाल के साथ एसडीएम हरि गिरि उपस्थित रहे।