इस जानकी को कौन देगा आश्रय ?

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गोपेश्वर। उम्र के आखिरी पडाव में वृद्धा जानकी देवी जाय तो जाय कहां ? हैरान, परेशान और दुखी 65 वर्षीया जानकी देवी को न उसके दो बेटे घर में रखने को तैयार हैं और ना ही वृद्धाश्रम में असहाय महिला को रखने की कोई व्यवस्था है ऐसे में हालात की मारी यह वृद्धा कभी पुलिस तो समाज कल्याण विभाग तो कभी जिला अधिकारी के कार्यालय की चैखट पर आंसू बहा रही है।
65 वर्षीया चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के निकटवर्ती पपडियाणा गांव की जानकी देवी महीनों से आश्रय और रोटी के लिये भटक है। कहने को तो दो बेटे भी हैं, पर दोनों अपनी मां को साथ रखने को तैयार नहीं। ये बेचारी वृद्धा अपनी पीडा बताने के लिये पुलिस स्टेशन भी जा चुकी हैं। पुलिस अधिकारियों ने बेटों को बुलाकर वृद्धा को घर ले जाने को कहा, एक दो दिन भोजन भी कराया, कपडे भी दिये। पुलिस के डर से बेटे घर ले गये। पर फिर उसे घर से निकाल दिया। जानकी देवी प्रशासन की चैखट पर पहुंची। सीडीओ हंसादत्त पांडे ने उस वृद्धा की पीडा सुनी और समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिया कि वृद्धा को वृद्धाश्रम में रखें। समाज कल्याण अधिकारी सुरेंद्र लाल ने वृद्धा को वृद्धाश्रम भेजा। मगर वहां पर महिला वृद्धा को रखने की कोई ब्यवस्था नहीं है। अब यह वृद्धा जाय तो जाय कहां ?
बोले समाज कल्याण अधिकारी
चमोली के समाज कल्याण अधिकारी सुरेंद्र लाल कहते हैं वृद्धा की पूरी दास्तां पता चली है। बेटे घर में रखने को तैयार नहीं। सुना है मारपीट भी करते हैं। वृद्धा की हालात को देखकर उसे वृद्धाश्रम में रखने की व्यवस्था की गयी। मगर वहां कोई अन्य महिला वृद्धा नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से जिम्मेदारी है। फिलहाल इस महिला को वहां रखने के लिये कुछ व्यवस्था बनायी गयी है, भोजन आदि की व्यवस्था की गयी। बताया कि चमोली में असहाय महिलाओं को रखने के लिये कोई अलग से व्यवस्था नही है। हम कोशिश कर रहे हैं कोई स्वयं सेवी संस्था और अन्य सरकारी व्यवस्था हो। जिले से बाहर भी महिला को किसी वृद्धाश्रम में रखने की कोशिश की जा रही है।