दिवाली पर मिले मंहगे तोहफे पड़ेंगे मंहगे

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अगर दिवाली पर मिलें मंहगे तोहफों से आप फुले नहीं समा रहे हैं तो माफ कीजिए यह खबर आपको ज़रा विचलित कर सकती है।दिवाली पर तोहफों का देना लेना तो आम बात है। ये तो एक रीत है जो लंबे समय से चली आ रही है लेकिन क्या अब आप जानते हैं कि दिवाली पर मिलने वाले मंहगे उपहार भी आपको मुश्किल में डाल सकते हैं? दिवाली पर मिलने वाले मंहगे उपहारों का लेखा जोखा अब आपको रखना होगा। आयकर विभाग आपसे इसका हिसाब मांग सकता है, राहत की बात है कि इस श्रेणी में सगे संबधियों से मिलने वाले उपहार शामिल नहीं हैं।मतबल अगर तोहफा किसी खून के रिश्तेदार ने दिया है तो कोई दिक्कत नहीं।

उपहार की कीमत अगर 50,000 रुपये से ज़्यादा है तो समझिये आयकर विभाग आपपर हैं। कंपनी सचिव अरण सिंह के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को त्योहार के दौरान 50,000 रुपये से ज्यादा महंगा उपहार ऐसे व्यक्ति से मिले, जो सगा नहीं है तो यह उसकी आय में शामिल माना जाएगा। ऐसे उपहारों को आपको आयकर रिटर्न में दिखाना होगा। बजट में वित्त मंत्री स्पष्ट कर चुके है कि सगे-सबंधियों से 50 हजार रुपये तक का उपहार आयकर के दायरे में आता है। इस व्यवस्था को नजरअंदाज करने पर आयकर विभाग नोटिस जारी कर कार्यवाही शुरू कर सकता है।

चार्टर्ड अकान्टेट दिनेश ठाकुर के मुताबिक परिवार के सदस्यों से मिला उपहार टैक्स फ्री ही उपहार है, जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है। ऐसे में यह जरूरी है कि कुल मिलने वाले उपहारों की कीमत अगर 50 हजार रुपये से ज्यादा हो, तो उसे अपनी आय में दिखाना होगा। और स्पष्टिकरण नहीं दिया तो हो सकती है कार्यवाही बैंकिंग, जीएसटी डाटा से होती है, खरीद की ट्रैकिंग
इनकम टैक्स के अधिकारी का कहना है कि, “दिवाली त्योहार के बहाने घूस खोरी और टैक्स की चोरी होती है, जिसपर लगाम लगाने का ये अच्छा उपाय है। एक अनुमान के मुताबिक कई हजार करोड़ रुपये के उपहार व्यवसायी अपने क्लाइंट को देते हैं। ऐसे में विभाग के सामने चुनौती होती इस बात पर नज़र रखने की कि खरीददारी नकद में हुई है या बैंक खाते से, क्योंकि यह एक अघोषित आय को खपाने का आम तरीका बन गया है।

बैंकिग वित्तीय डेटा और जीएसटी से लागू होने से खरीद की असल जानकारी पाना आसान हो गया है। दो साल पहले दिवाली के तुरंत बाद हुए नोटबंदी अभियान में भी आयकर विभाग के अहम योगदान रहा है। अगर यह नियम भी इमानदारी से लागू हो तो त्योहारों के बहाने चोरियां करने वालों के इरादों को ठेस पहुंचाई जा सकती है।