पिथौरागढ़ की शिवानी के पेटिंग का अलग है अंदाज़

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फाइन आर्ट वो है जिसमे व्यक्ति का हाथ,दिमाग और दिल एक साथ काम करते हैं, और ऐसे ही अपने दिल और दिमाग से चित्रकारी करती है पिथौरागड़ की शिवानी विश्वकर्मा।

उत्तराखंड के दूरस्थ ज़िले पिथौरागढ़ से संबंध रखने वाली शिवानी इस वक्त राजस्थान के वनस्थली विद्यापीठ से फाइन आर्ट में मास्टर की डिग्री ले रही हैं। बचपन से ही कला में रुचि रखने वाली शिवानी शायद हमेशा से जानती थी कि उन्हें कला के क्षेत्र में आगे बढ़ना है और तभी शुरु से ही उन्होंने इसमें प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी ली।

शिवानी किसी और से नहीं बल्कि अपने पिता से ही प्ररित है जो खुद एक कलाकार थे। अपनी इस कला के बारे में बात करते हुए शिवानी कहती हैं कि “मेरे पिता खुद एक अद्भुत कलाकार थे और शायद इसका नतीजा है कि मैं भी पेटिंग में रुचि रखती हूं। पेटिंग मेरे खून में है। शिवानी कहती है मेरे पिता ही मेरे पहले गुरु,ट्रेनर और मेरी प्रेरणा रहे हैं। मैंने अपनी पढ़ाई भी इसी क्षेत्र में की है। एस.एस.जे कैंपस अल्मोड़ा से फाईन आर्ट्स में ग्रेजुएशन करने के बाद मास्टर्रस भी इसी क्षेत्र में कर रही हूं। मेरी पढ़ाई और प्रेक्टिस की वजह से आज मैं एक अच्छी कलाकार बनने की राह पर आगे बढ़ रही हूं।”

पेटिंग के दौरान शिवानी को र्पोट्रेट और ह्यूमन फेस बनाना पसंद है। इसके अलावा वह देवभूमि उत्तराखंड के अध्यात्म और पौराणिक कथाओं को अपने पेटिंग के जरिए लोगों के सामने लाती हैं। अपनी इसी सोच से वह आए दिन उत्तराखंड की मशहूर चीजों को अपने कैनवस पर उतारते रहती हैं।

अपने पिता की पेटिंग से बहुत ही ज्यादा प्रभावित होने वाली शिवानी कहती हैं बचपन से ही मैं अपने पापा जैसा कलाकार बनना चाहती थी और कोशिश करती थी कि उनके जैसा पेंट कर सकूं।हालांकि आज वह हमारे बीच नहीं है लेकिन मैं हमेशा उनकी तरह ही काम करना चाहती हूं।भविष्य में पेटिंग के गुणों को और अधिक सीखना और पेटिंग के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में काम करना ही मेरा सपना है।

 

दूसरे राज्य में रहकर पढ़ाई करने वाली शिवानी कहीं भी रहे लेकिन उनकी पेटिंग में उत्तराखंड की छटा देखने को मिल ही जाती है।वो कहती हैं “मैं अपने राज्य की पुरानी कहानियों को सुनती रहती हूं और एक्सप्लोर करने की कोशिश कर रही हूं।अलग-अलग पेटिंग्स के माध्यम से मैं उत्तराखंड के पहलूओं को छूने का प्रयास करते रहती हूं।अपनी बनाई हुई पेटिंग के माध्यम से मैं बस यहीं कहना चाहती हूं कि मैं जहां भी रहूंगी उत्तराखंड मेरे साथ रहेगा।”

गौरतलब है कि शिवानी केवल रंग और ब्रश से पेंट नहीं करती बल्कि कॉफी और स्याही के मिश्रण से भी शिवानी बेहतरीन कला का प्रदर्शन करती हैं।इसके अलावा शिवानी प्रिंट मेकिंग पेंटिंग भी करती हैं।

शिवानी जैसी बेहतरीन कलाकार बहुत ही कम उम्र में ना केवल एक प्रेरणा है बल्कि उनके काम में उत्तराखंड राज्य के लिए उनका प्रेम साफ-साफ झलकता है।