सायबर खतरों से बचाने आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का उपयोग करेगा स्टॉक एक्सचेंज

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मुंबई,  बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने संभावित सायबर हमले को रोकने एवं स्टॉक ब्रोकरों के साथ धोखाधड़ी को रोकने के प्रयासों के तहत भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार सेफ प्रणाली के उपयोग करने का फैसला किया है। ब्रोकरों को सुरक्षित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए बीएसई ने ल्युसिडियस कंपनी के साथ समझौता करार किया है। बीएसई ने आर्टिफिसियल इंटेलिजेन्स तथा मशीन लर्निंग तकनीकी को भी अपनाने की बात कही है।

बता दें कि देश की अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ने सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार संभावित सायबर हमले को रोकने तथा स्टॉक ब्रोकरों को सुरक्षित ट्रेड करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं। बीएसई ने भारत में अग्रणी सायबर सुरक्षा सेवा प्रदाता कंपनी ल्युसिडियस के साथ समझौता करार किया है।

पिछले साल 3 दिसंबर 2018 को बाजार नियामक की ओर से स्टॉक ब्रोकर्स एवं डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के लिए सायबर सिक्युरिटी तथा सायबर रिसायलेंस फ्रेमवर्क घोषित किया था। इस नए फ्रेमवर्क के अनुसार सिक्युरिटी असेसमेंट फ्रेमवर्क फॉर इंटरप्राइजेज (सेफ) सोल्युशन के उपयोग पर जोर दिया गया था। इसके लिए ल्युसिडियस सायबर सिक्युरिटी ऑपरेशन्स सेंटर (एसओसी) की स्थापना करेगा। इस प्रणाली के तहत ल्युसिडियस आर्टिफिसियल इंटेलिजेन्स तथा मशीन लर्निंग का उपयोग करेगी।

बीएसई की ओर से बताया गया है कि सिक्युरिटी असेसमेंट फ्रेमवर्क के तहत सेफ प्रणाली सभी ब्रोकरों व ट्रेडर्स वर्ग को बीएसई की संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी मार्केटप्लेस टेक इंफ्रा सर्विसेज के जरिए सिंगल क्लिक सबस्क्रिप्शन का ऑप्शन प्रदान करेगा। यह बीएसई डेटा सेंटरों स्थित होस्ट किये गये ल्युसिडियस सेफ सोल्युशन के साथ सिंक किया गया एक ऑन-प्रिमाइसेस सेफ-इन-अ-बॉक्स सोल्युशन की सुविधा से लैस है। यह प्रणाली दिए गए दिशा-निर्देशों में शामिल सभी कारकों का निरीक्षण करने के बाद सोल्यूशन देगा। इसके अलावा ऑन-प्रिमाइसेस बॉक्स सोल्युशन ओपन-सोर्स टूल्स को सेफ सॉफ्टवेयर के साथ होस्ट करेगा। सेफ सॉफ्टवेयर प्रत्येक टर्मिनल से मिलने वाली जानकारी को एकत्र करेगा तथा नेटवर्क सिक्योरिटी नियंत्रण को समझकर सेफ को सिस-लॉग के साथ वास्तविक समय में संसाधित करने के लिए भेज देगा।

बीएसई के चेयरमैन एस. रवि ने इस संदर्भ में बताया कि सायबर हमलों के बढ़ते खतरे को देखते हुए दुनिया के सबसे तेज गति से ट्रेडिंग सुविधा उपलब्ध करानेवाले शेयर बाजार को भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करना पड़ रहा है। शेयर ब्रोकरों को सायबर सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही स्थायी सायबर सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा व्यवस्था होना आवश्यक है। मामूली सायबर सुरक्षा के उल्लंघन से बड़े आर्थिक तथा वित्तीय परिणाम भी आ सकते हैं। इसलिए बीएसई ने सायबर सिक्योरिटी क्षेत्र की कंपनी ल्युसिडियस के साथ करार किया है। यह कंपनी सायबर सुरक्षा फ्रेमवर्क को मजबूत बनाने के साथ ही पूंजी बाजार पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित सभी चुनौतियों को निपटने तथा डेटा को सुरक्षित रखने एवं गोपनीयता की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध करेगी।

सिस्को के भूतपूर्व चेयरमैन तथा सीईओ और जेसी2 वेंचर्स के वर्तमान फाउंडर जॉन चेम्बर्स ने बताया कि विश्व के सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज के रूप में बीएसई ने अपनी पहचान बनाई है। दुनिया भर की कंपनियों के लिए बीएसई वैश्विक बेंचमार्ग बन रहा है। बीएसई अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी सोल्युशन्स को अपनाने में हमेशा अग्रणी रहा है। इस करार के तहत डेटा की सुरक्षा के साथ ही सेबी के फ्रेमवर्क सुरक्षा को भी सुनिश्चित करने का काम किया जाएगा।

ल्युसिडियस के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी साकेत मोदी ने कहा कि ल्युसिडियस और बीएसई के साथ करार होने के बाद बाजार प्रतिभागियों के साथ कार्य करने की प्रतिबद्धता बढ़ गई है। ट्रेडिंग सेक्टर में संभावित खतरों व डेटा के साथ छेड़छाड़, सायबर घुसपैठ, सट्टाकीय घटनाक्रमों, अंदरूनी सूत्रों की ओर से किए जानेवाले दुरुपयोग और अन्य सायबर हमले के खतरों से रक्षा करने पर कंपनी निगरानी तंत्र को मजबूत कर रही है।