बस्ती और ग्रामीण क्षेत्र में ठेका खुलने के विरोध में महिलाएं ने पांच दिनों से किया अनशन

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ऋषिकेश, कोर्ट के सख्त आदेश के बाद अब हाईवे से शराब के ठेकों बंद कर दिया गया है । अब ठेके के लाइसेन्स धरियो को अब दोहरी मार का शिकार होना पड रहा है। रानीपोखरी में महिलाओ ने शराब ठेके के विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है और उनकी मांग है कि शराब के ठेके को बस्ती और गाँव से दूर किया जाए।

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रायवाला और रानीपोखरी छेत्र में पिछले पाँच दिनों से महिलाएं शराब के ठेके के विरोध में धरने पर बैठी है और उनकी मांग है ठेका बस्ती से दूर किया जाए। कोर्ट के आदेशों के बाद अब हाईवे से शराब की दुकाने को शिफ्ट करने की मांगें उठने लगी है, इसी कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के डोईवाला विधानसभा छेत्र रानीपोखरी में हाईवे में शराब के ठेके के विरोध में महिलाओ का धरना पिछले 5 दिनों से चल रहा है।

महिलाओ की मांग है कि ठेके को आबादी और ग्रामीण छेत्र से हटाया जाये। रानीपोखरी महिला मोर्चा की अध्यक्ष मिथलेश लखेड़ा का कहना है कि स्कूल के नजदीक होने के कारण इसका बच्चो पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। पुरे ग्रामीण छेत्र में इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है इसको यहाँ से हटाने की मांग ग्रामीण एक लम्बे अरसे से करते आ रहे है। अब उन्होंने इसको लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है।

उत्तराखंड में हाईवे से शराब ठेको को हटाने के साथ ही अब प्रसाशन और शराब व्यवसायियों के सामने ठेके को दुबारा खोलने की समस्या ख़ड़ी हो गयी है ग्रामीण और महिलाये शराब के ठेको के विरोध में सड़को पर उतर कर धरना प्रदर्शन कर रही और उनके इस आंदोलन में अब पुरुष भी बड़ी संख्या में जुटने लगे है। इसके बावजूद यहाँ पर अवेध शराब का काला कारोबार धडल्ले से जारी है शहर भर में कई जगह शराब की खुली बिक्री चल रही और प्रसाशन मोन है , अब ग्रामीण आमरण अनशन की तैयारी पर है रानीपोखरी के पूर्व प्रधान इंद्रपाल सिंह कहना है कि नयी सरकार सभी ठेको को बस्ती से दूर ले जाए।