दून मेडिकल कॉलेज में बुधवार से बगैर प्रवेश पत्र नहीं मिल सकेंगे मरीजों से

0
646

देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की सेवाओं में सुधार के लिए स्वास्थ्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देश अब धरातल पर उतरते दिख रहे हैं। बुधवार से मरीजों से मिलने के लिए प्रवेश पत्र अनिवार्य हो जाएगा। प्रवेश पत्र के आधार पर ही तीमारदार/विजिटर मरीजों से मिल सकेंगे। केवल गंभीर अवस्था में उपचार ले रहे मरीजों के साथ एक तीमारदार को ही रहने की अनुमति होगी।
मंगलवार को अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने अधिकारियों, सिस्टर इंचार्ज, मेट्रन के साथ बैठक की। उन्हें निर्देश दिए कि मरीजों के साथ शलीनता एवं आत्मीयतापूर्ण व्यवहार अपनाया जाए। अशिष्ट व्यवहार को किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा। अशिष्ट व अमर्यादित व्यवहार के दोषी स्टाफ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। डॉ. टम्टा ने चिकित्लाय के सभी स्टाफ को निर्देश दिए कि वह गले में परिचय पत्र टांगकर ही ड्यूटी करें। जिस किसी के पास परिचय पत्र नहीं है वह अस्पताल प्रशासन को बता दे। उन्होंने बताया कि दून चिकित्सालय में सभी कर्मचारियों के लिए यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। बिना यूनिफॉमर्न कोई भी कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं माना जाएगा। मरीज को मिलने के लिए अब प्रवेश पत्र आवश्यक हो गया है। यह प्रवेश पत्र सुबह दस से 11 व शाम चार से 5 बजे के दौरान ही मान्य होगा।

साफ सफाई को लेकर जवाबदेही तय
अस्पताल में स्वच्छता बनाए रखने के लिए भी अब आवश्यक कदम उठाए जाने लगे हैं। चिकित्सा अधीक्षक ने इसे लेकर स्टाफ की जवाबदेही तक कर दी है। उन्होंने स्टाफ को हिदायत दी कि संबंधित कार्यस्थल पर स्वच्छता व साफ सफाई की पूरी जिम्मेदारी उनकी होगी। डॉ. टम्टा ने सख्त ताकीद की कि गंदगी पर पूर्णत: अंकुश लगाया जाए।

खाने की अब होगी नियमित मॉनिटरिंग
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. टम्टा ने बताया कि अब मरीजों को मिलने वाले भोजन का परीक्षण एवं निगरानी ड्यूटी पर तैनात सिस्टर इंचार्ज अथवा मेट्रन करेंगी। उन्होंने बताया कि पहले मरीजों से खाने के बर्तन स्वयं लाने के लिए कहा जाता था, लेकिन संबंधित ठेकेदार को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह खाने के बर्तन आदि मरीजों से न मंगाएं, बल्कि इन्हें चिकित्सालय के स्तर पर उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा प्रत्येक मरीज को 25 ग्राम मक्खन, फल, सब्जी, दाल आदि निर्धारित मेन्यू के अनुसार उपलब्ध होगी।