अपने सपनों को “हथकरघा” से बुन रही हैं देहरादून की शुभा

(देहरादून) रुड़की से आने वाली 31 साल की शुभा को इस शहर ने डिजाइनिंग, कढ़ाई और हथकरघा की दुनिया की कला से रूबरू कराया। अपने बचपन को याद करते हुए, शुभा हमें बताती है, “बचपन में मैं अपनी माँ को उनके बुटीक स्टोर में मदद करती थी और यह उस छोटी उम्र में था, जिसमें मैं बिना सीखे डिजाइन करती थी, वो भी पूरे भारत से आने वाले कपड़ों पर। उस वक्त मैं गुजरात से लेकर राजस्थान की ब्लॉक प्रिंट, मध्य प्रदेश से चंदेरी और पोचमपल्ली और संबलपुर से मेरे पसंदीदा इक्कटा मेरे बचपन में  रंग भरते थे।”

शुरुआती दौर में शुभा ने कानून की पढ़ाई की लेकिन परिधानों के प्रति रुझान के चलते शुभा ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, (एनआईएफटी) नई दिल्ली से कपड़ों की डिजाईनिंग से संबंधित कोर्स किया। उसके बाद फैब इंडिया के साथ थोड़े समय के लिया काम किया।

शुभा का पहला स्टोर “हाथकरघा” अब पांच साल पुराना है औऱ लोगों के बीच खासा मशहूर भी हो रहा है। देहरादून के डालनवाला में स्थित शुभा के स्टोर पर उनके ग्राहक पूरे भारत से आते हैं। देश भर के शहरों में कई प्रदर्शनियों के बाद, शुभा ने अपने स्टोर के लिए देहरादून को चुना। “यह वही जगह है, जहाँ हाथकरघा फिट बैठता है,” वह हमें बताती है, “शहर का माहौल और यहां की परंपरा के साथ हथकरघा एक दम फिट बैठता है। हम इस प्रयास के अपने 5 वें वर्ष में चल रहे हैं और पूरी तरह से इस काम में आने वाले संघर्ष, और नए चैलेंज को पसंद करते हैं और बस यहीं से मैं अपना सपना बुन रही हूं। ”

हथकरधा शुभा के लिये उनका सपना ही नहीं जुनून भी बन गया है, उनके स्टोर में सभी के लिए कुछ न कुछ है। उनके कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट की वजह वह पूरे साल कुछ नया करने में व्यस्त रहती हैं, क्योंकि वह केवल साड़ियां डिजाईन करने में अपने जुनून को सीमित करने में विश्वास नहीं रखती है। धीरे-धीरे, शुभा ने अनस्टीच्ड सूट, होम रेंज टेक्सटाइल्स और सेरामिक्स में भी कदम रखा है।

शुभा कहती है “अपने काम की प्रशंसा किसको नहीं पसंद लेकिन जब लोग मुझे बताते हैं कि मेरी वजह से लोग साड़ी पहनना पसंद करने लगे हैं,  तब मुझे सबसे ज्यादा संतोष महसूस होता है!”।  पिछले चार साल से शुभा अपने सामान की बिक्री के लिये एक सफल ऑनलाइन पोर्टल भी चला रही है।

शुभा के काम की झलके देखने के लिए आप उनकी वेबसाइट www.hathkargha.in/insta: Hathkargha देख सकते हैं।