गंगा में विसर्जित की गईं हजारों लावारिसों की अस्थियां

0
1706

हरिद्वार। श्री देवोत्थान सेवा समिति के तत्वाधान में 17वीं अस्थि कलश यात्रा भूपतवाला स्थित निष्काम सेवा ट्रस्ट से प्रारम्भ होकर नगर भ्रमण करते हुए बैंडबाजों व झांकियों के साथ कनखल स्थित सती घाट पर पहुंची। जहां दिल्ली सहित देश के तमाम राज्यों से एकत्र कर लाए गए 6980 अस्थि कलश में लावारिस व्यक्तियों की अस्थियों को पूर्ण विधि विधान व वेद मंत्रोच्चारण के साथ मां गंगा में विसर्जित किया गया। स्वामी ऋषिश्वरानंद व स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने अस्थि कलशों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष अनिल नरेंद्र ने कहा कि कालिका पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज की प्रेरणा से विगत 16 वर्षो से निरंतर चल रहे लावारिस व्यक्तियों की अस्थि विसर्जन के इस पुण्यदायी अभियान के तहत अब तक करीब एक लाख इक्कीस हजार पांच सौ तेरह अस्थि कलशों को वैदिक रीति से गंगा में विसर्जित किया जा चुका है। इसमें पाकिस्तान से लाए गए 295 अस्थि कलश भी शामिल हैं। ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि सनातन हिन्दू धर्म में मृत्यु के पश्चात अस्थियों को गंगा में विसर्जित किए जाने का विशेष महत्व है। अस्थियों को गंगा की गोद में स्थान मिलने पर ही मृत व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अनिल नरेंद्र को वर्तमान का भगीरथ बताते हुए उन्होंने कहा कि श्रीदेवोत्थान सेवा समिति द्वारा लावारिस अस्थियों को एकत्र कर मां गंगा में विसर्जित किया जाना एक पुण्यदायी कार्य हैं। जिससे सभी को प्रेरणा लेकर मानव सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। समिति के महामंत्री विजय शर्मा कहा कि वर्तमान का युवा सनातन संस्कृति को त्यागकर पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहा है। लावारिस व्यक्तियों की अस्थि कलश यात्रा के माध्यम से पश्चिमी सभ्यता का दमन करने के लिए युवाओं को एक संदेश पहुंचाने का काय देवोत्थान सेवा समिति लगातार कर रही है। विदेशों में भी समिति के कार्यकर्ताओं के माध्यम से लावारिस अस्थियों को एकत्र कर भारत लाकर मां गंगा में विसर्जित करने का प्रयास लगातार जारी है। इस अवसर पर आदित्य नरेंद्र, जूही नरेंद्र आरडी मिश्रा, अक्षय कुमार मुनि, अक्षिता शर्मा, प्रदीप जैन, महंत बलदेश्वरानंद, निरंजन स्वामी, गुरूमाता राजेश्वरी देवी, साध्वी जया स्वामी, साध्वी गीता बहन, महंत रूपेंद्र प्रकाश, डॉ.विशाल गर्ग, रामकिशोर लोहिया, किरणदीप कौर, रामनाथ लूथरा, दयादत्त भारद्वाज, एलके इंदोरिया, राजेश कुमार, हरेंद्र, जगन्नाथ, चौधरी प्रताप सिह, उमेश कौशिक, अवधेश शर्मा, रविन्द्र गोयल, मनोज मेहंदीरत्ता, रामदास, नरेंद्र आदि ने लावारिस व्यक्तियों की अस्थियों के गंगा में विसजर्न में सहयोग किया।