सौ दिन से अनशन पर बैठे स्वामी सानंद अब करेंगे जल का भी त्याग

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(हरिद्वार) गंगा रक्षा के लिए मातृसदन में अनशन पर बैठ स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ प्रोफेसर जीडी अग्रवाल को शनिवार को 100 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी भी उनका अनशन जारी है। वहीं, उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि केंद्र सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वो 9 अक्टूबर से जल का भी त्याग कर देंगे।
अपने अनशन के 100 दिन पूरे होने पर स्वामी सानंद ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि आगामी 9 अक्टूबर को विधिवत यज्ञ करने के बाद गंगाजल में स्नान कर गंगाजल ग्रहण कर पूर्ण रूप से जल का भी त्याग कर देंगे। इसके बाद वो किसी से भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करेंगे। अब अगर सरकार चाहती है कि वह अपना अनशन खत्म करें तो उसके लिए सरकार को उनकी सभी बातें बिना किसी फेरबदल के माननी होंगी, ताकि गंगा की अविरलता और निर्मलता सुनिश्चित की जा सके।
स्वानी सानंद को अपना समर्थन देने के लिए देशभर से लोग आज मातृ सदन आश्रम पहुंचे। जहां उन्होंने भी सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक दिन का उपवास रखा। जल पुरुष के नाम से प्रसिद्ध राजेंद्र सिंह भी आज दिल्ली से एक भव्य यात्रा लेकर स्वामी सानंद के अनशन को अपना समर्थन देने हरिद्वार मातृ सदन पहुंचे। मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि यदि अनशन करते हुए स्वामी सानंद को कुछ हो जाता है कि वह इसी प्रकार सरकार के खिलाफ आमरण अनशन शुरू कर देंगे। गंगा के लिए शुरू हुई ये क्रांति अब नहीं रुकेंगी। उन्होंने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा की जो सरकार गंगा के नाम पर चुनी गई थी, आज गंगा के लिए ही कुछ करती नहीं दिख रही। सरकार भले ही या कहती हो कि वह गंगा के लिए काम कर रही है। लेकिन गंगा के दोहन के अलावा उसकी कोई मंशा नहीं है। स्वामी शिवानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए यहां तक कहा कि सनातन धर्म के सबसे बड़े विरोधी के रूप में नरेंद्र मोदी काम कर रहे हैं, क्योंकि एक संत जोकि समाज के हित के लिए गंगा के जीर्णोद्धार के लिए अपना प्राण तक त्यागने से नहीं चुकने वाला, सरकार उसकी कोई सुध नहीं ले रही है।
बता दें स्वामी सानंद की केंद्र सरकार से मांग है कि हिमालय से निकलने वाली भगीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी जैसी विशेष नदियां जोकि आगे चलकर गंगा का रूप लेती हैं, उन्हें विशेष नदी का दर्जा देते हुए उनके निर्मलता एवं अविरलता को सुनिश्चित करने हेतु संसद द्वारा विशेष कानून गंगा विधेयक लाया जाए। वहीं दूसरी तरफ गंगा पर बने ऐसे सारे प्रोजेक्ट्स रोक दिए जाएं। जिनसे गंगा की अविरलता नष्ट हो रही है। स्वामी सानंद का मानना है कि गंगा को लेकर मौजूदा केंद्र सरकार वादे और दावे तो बहुत करती है। लेकिन हकीकत में कुछ नहीं हो रहा। बीते दिनों स्वामी सांनद को मनाने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कहने पर उमा भारती हरिद्वार उनसे मिलने आईं थीं, लेकिन स्वामी सानंद ने साफ कर दिया था कि जबतक केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तब तक वो अनशन खत्म नहीं करेंगे। तब से उनका अनशन लगातार जारी है।