गीतकार लेखक के रूप में तीर्थ नगरी के पंकज की मुंबई में धमक

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ऋषिकेश, ऋषिकेश तीर्थ नगरी का अपना एक अलग ही मिजाज है बेफिक्री, सकून, मस्ती, यहां की फिजाओं में अपना रंग खुले हुए हैं। यहां से देशभर में अलग-अलग क्षेत्रों से निकल कर लोगों ने अपना नाम रोशन किया है। इसी कड़ी में ऋषिकेश के युवा पंकज त्यागी ने मुंबई से अपने सफर की शुरुआत करके एंटरटेनमेंट दुनिया मे, लेखन क्षेत्र में बहुत ही कम समय में अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया है। और आज कई कंपनियों के लिये टेलीविजन और रेडियो विज्ञापन, गीत नाटक और पटकथा लेखन अपनी कलम का लोहा मनवाने में लग गए हैं।

पंकज त्यागी का कहना है कि, “हिंदी साहित्य का उन के जीवन को निखारने में बडा महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसकी बदौलत आज वह अपनी कल्पना शक्ति की जरिए शब्दों को सिचुएशन में ढाल के गीतों, नाटक और चरित्रों को आकार दे देते हैं।” पंकज त्यागी आजकल अपने द्वारा लिखित एक वीडियो एल्बम की शूटिंग ऋषिकेश में कर रहे हैं, व्हाट इस एल्बम में स्थानीय युवाओं को साथ लेकर टी सीरीज के लिए एक गाना शूट किया जा रहा है।

पंकज त्यागी से न्यूज़ पोस्ट संवाददाता कृष्णा रावत उनके मुंबई के सफर के बारे में बात की:-

1- कैसे सफर की आप की शुरुआत हुई और क्या-क्या दिक्कतों का सामना आपको करना पड़ा?
दरअसल मैं फिल्म डायरेक्शन का कोर्स करने मुंबई गया था. लेकिन जल्दी ही मुझे यह एहसास हुआ कि फिल्म निर्देशन को सीखने के बजाय व्यावहारिक तौर पर करना ही. आपको इस विषय की गहरी समझ दे सकता है, “मैंने शुरुआती क्लासेज के बाद वो कोर्स छोड़ने का निर्णय किया, इसी बीच मुझे एक मित्र के जरिये एक फिल्म लिखने का प्रस्ताव मिला , दिक्कत बस ये ही हुई कि वो फिल्म एक बड़े बैनर से अनांउस तो हुई लेकिन उसकी शूटिंग ही शुरू नहीं हो पाई, लेकिन इसी बीच मुझे बाला जी टेलेफिल्म्स में स्वतंत्र लेखक की तरह काम मिल गया.”

2- जब पहला काम आपको मिला तो किस तरह का अनुभव था, अभी आप किन किन प्रोजेक्टओं पर काम कर चुके हैं?

इसी तरह बालाजी के साथ ही मेरे करियर की शुरुआत हुई, लेकिन यह काम भी मुझे काफी दिलचस्प तरह से मिला, मेरे पास बालाजी टेलेफिल्म्स से फ़ोन आया और उन्होंने सैंपल के तौर पर मुझे एक कहानी लिखने को कहा जिसे वोइस रिकॉर्ड करके एक क्लाइंट को दिया जाना था। लेकिन इस कहानी के जवाब में मुझे पता चला कि रिकॉर्डिंग क्लाइंट को पसंद नहीं आई। मैंने वो रिकॉर्डिंग मंगा कर सुनी जो वाकई अच्छी नहीं थी। मैंने कहानी को अपनी आवाज़ मेंरिकॉर्ड करके भेजा जो क्लाइंट को पसंद आ गयी और इस तरह मेरी बालाजी टेलेफिल्म्स के साथ एक राइटर की तरह शुरुआत हो गयी।

3- वर्तमान और भविष्य को लेकर क्या योजनाएं हैं?

वर्तमान में मैं हॉलीवुड फिल्म्स के हिंदी अनुवाद से से लेकर, गीत लेखन , विज्ञापन और शोर्ट फिल्म्स लेखन कर रहा हूं। 24  नवंबर को मेरे लिखे एक नाटक का मंचन मुंबई में होना है, जिसमे टीवी इंडस्ट्री के बड़े कलाकर काम कर रहे हैं। यह नाटक जो कि चेखोव की एक कहानी पर आधारित है, के पात्र और प्रष्ठभूमि को मैंने गढ़वाल पर ही आधारित रखा है। फिलहाल मैं ऋषिकेश में ही अपने लिखे हुए एक गाने का विडियो शूट कर रहा हूं।

भविष्य में फिल्म लेखन और निर्देशन के क्षेत्र में ही आगे बढ़ने की योजना है लेकिन मेरा ये भी प्रयास होगा कि मैं अपने शहर में और स्थानीय कलाकारों के साथ भी काम कर सकूं।