अवैध झोपड़ियों पर पुलिस ने की सत्यापन की कार्यवाही

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देेहरादून, बंजारावाला क्षेत्र में अवैध बंगलादेशियों की घुसपैठ के बाद पुलिस प्रशासन जागा तो लेकिन आधा अधूरा। बंजारावाला में अल्पसंख्यक समाज के समून अली के प्लाट पर भारी सैकड़ों की संख्या में झोपड़ियां बनी है। यही स्थिति टीएचडीसी बांध विस्थापित बस्ती के समीप की भी है, जहां सैकड़ों लोग किरायेदार हैं और वे बंगाली भाषा में बातचीत करते हैं, लेकिन इन लोगों ने राशनकार्ड तथा अन्य दस्तावेज भी बना लिए हैं।

देहरादून में बढ़ रही बंगलादेशियों की घुसपैठ नालो-खालों तथा विशेषकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों की ओर ज्यादा है। चांचक बंजारावाला निवासी समून अली के प्लाट पर बसे लोगों के सत्यापन के नाम पर पुलिस ने अब तक कुछ नहीं किया था। इस संदर्भ में पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार से भी चर्चा की गई थी, तब कहीं जाकर पुलिस की नींद टूटी और रविवार को उन क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा और सत्यापन की कार्यवाही की। हालांकि, अभिसूचना इकाई के लोगों ने पहले भी सर्वे किया था, लेकिन वह इनको हटाने का काम प्रशासन का बताते हैं। जिसके कारण अवैध घुसपैठियों के मजे में हैं।

अल्पसंख्यक समाज के यह लोग प्रायः कबाड़ी, मजदूरी तथा ऐसे कामों में लगे हुए है जिसके कारण उन पर लोगों की नजर नहीं जाती। इस क्षेत्र में लगभग पांच सौ परिवार अलग-अलग क्षेत्रों में रह रहे हैं। इस मामले को सबसे पहले वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष आलोक भट्ट ने उठाया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब जब एक ही क्षेत्र में भारी संख्या में अवैध झोपड़ियां बन गई तो पुलिस की नींद टूटी है और कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति जारी है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि वह सत्यापन के बाद ही कोई कार्यवाही करेंगे। इन क्षेत्रों में रहने वाले बांग्लादेशी या रोहिंग्या भी हो सकते हैं। उनकी बातचीत और बोली भाषा से तो यही लगता है। इनमें से अधिकांश लोग भवन निर्माण ठेकेदारों के पास मजदूरी करने का काम कर रहे हैं।