मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

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कुंभ
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गोपेश्वर, चमोली जिले में मकर संक्रांति का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। मंगलवार को जिले में विष्णुप्रयाग, नदप्रयाग और कर्णप्रयाग संगम तटों सहित अलकनंदा और अन्य नदियों के किनारे श्रद्धालुओं की सुबह से ही भीड जुटी रही। वहीं जिले के गोपीनाथ, बैरासकुंड, तुलसी महादेव सहित अन्य मंदिरों में भी दिनभर लोग पूजा-अर्चना के लिये पहुंचते रहे।

मकर सक्रांति के मौके पर कर्णप्रयाग में उत्तरायण मेले का भी आयोजन किया गया। वहीं पंच प्रयागों में प्रथम विष्णु प्रयाग में विशेष पूजा का आयोजन किया गया। इस दौरान यहां सुबह से ही अलकनंदा और धौली गंगा के संगम पर पहुंचे। यहां स्थानीय लोगों के साथ ही नेपाल से आये हिन्दू तीर्थयात्रियों का दल भी गंगा स्नान के लिये पहुंचा। इस मौके पर यहां बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल ने विष्णु मंदिर में पूजा अर्चना कर आरती की।

हरिद्वार में भी मकर संक्रांति पर्व पर श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगा पुण्य अर्जित किया। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर गंगा स्नान किया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य आदि कर्म किए। तीर्थनगरी के आश्रम-अखाड़ों में भी सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर कई धार्मिक आयोजन किए गए।

धर्मनगरी में सुबह से ही बड़ी संख्या में दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। तड़के से आरम्भ हुआ स्नान का सिलसिला अनवरत चलता रहा। हालांकि ऐसा कई वर्षों बाद हुआ है जब मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी हो मनाया जा रहा हो। कारण की मकर राशि में भगवान सूर्य का प्रवेश सोमवार सांयकाल करीब सवा छह बजे हुआ। जिस कारण मंगलवार को उदय तिथि में सूर्य मकर राशि में होने के कारण मंगलवार को अधिकांश लोगों ने मकर संक्रांति का पर्व मनाया। स्नान के बाद लोगों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर मंदिरों में भगवान के दर्शन किए और खिचड़ी, तिल, गुड, गर्म कपड़े आदि दान कर सुख-समृद्धि की कामना की। ठंड और कोहरे के बावजूद श्रद्धालुओं के स्नान के लिए उत्साह में कोई कमी देखने को नहीं मिली।

तीर्थ पुरोहित के अनुसार भी आज दान पुण्य का बड़ा महत्व है आज के दिन खिचड़ी और तिल का दान किया जाता है, स्नान पर्व होने के कारण पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की थी।