वीर चंद्र सिंह ‘गढ़वाली’ का पेन-इंडिया ने किया नमन

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डोईवाला- निशुल्क शिक्षण संस्थान पेन-इंडिया स्कूल के नौनिहालों ने जय हिन्द के नारों के साथ पेशावर कांड की वर्षगांठ पर महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को नमन किया। बच्चों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

पेन-इंडिया फाउंडेशन की ओर से भानियावाला में संचालित निशुल्क शिक्षण संस्थान पेन-इंडिया स्कूल में शिक्षिका ऋतु शर्मा व दीपालिका नेगी ने बच्चों को पेशावर विद्राह और उसके महानायक वीर चंद्र सिंह ‘गढ़वाली’ की महान गाथा की विस्तृत की जानकार दी। बच्चों में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की कहानी सुनकर जोश दिखा। बच्चों ने इस बीच जय हिन्द के नारे लगाकर उन्हें नमन किया। पेन-इंडिया फाउंडेशन के संरक्षक डॉ.प्रकाश केशवया ने कहा कि फाउंडेशन के पहले वार्षिक कैलेंडर में उत्तराखंड की 12 महान् विभूतियों का संक्षित विवरण दिया गया है। इसमें वीर चंद्र सिंह ‘गढ़वाली’ भी एक हैं।

फाउंडेशन के संस्थापक व अध्यक्ष अनूप रावत ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की वीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शांति के संवाहक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि “मुझे एक चंद्र सिंह गढ़वाली और मिलता तो भारत कभी का स्वतंत्र हो गया होता।” उत्तराखण्ड हमेशा से वीरों की भूमि रहा है, इस धरती ने इन्हीं वीरों में से कुछ परमवीर भी पैदा किये। जिनमें चन्द्र सिंह गढ़वाली का नाम सर्वोपरि कहा जा सकता है। फाउंडेशन के सह-संस्थापक व निदेशक संतोष बुड़ाकोटी ने कहा कि, “वीर नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की शख्सियत और उनके योगदान को सदैव याद किया जायेगा। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली ने अंग्रेजों के आदेश को न मानते हुए अपने ही लोगों पर गोली चलाने से इनकार कर एक नई क्रांति को जन्म दिया था।”