भारतीय दूतावास में अपनी चमक बिखेरेगी मुकुंद पुरोहित की ’आनंदी’ पेंटिंग

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गोपेश्वर,  सीमावर्ती जनपद चमोली में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यहां के युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक अपनी प्रतिभाओं से प्रदेश ही नहीं देश में भी अपना नाम रोशन कर रहे है। ऐसे ही एक शख्सियत है जिनकी आनंदी नाम की पेंटिंग अब भारतीय दुतावास की शोभा बढाएगी।

भारतीय दुतावास में सजने वाली ’आनंदी’ नाम की पेंटिंग के जरिए पहाड़ की बालिका की चार अवस्थाओं का बेहद सुंदर सजीव चित्रण किया है। उनकी ये पेंटिग अब भारतीय दूतावास की शोभा बढायेगी। जहां देश विदेश से आने वाले लोग इसको निहारेंगे।
अंतरराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी में चयनित हुई ’आनंदी’ पेंटिंग

हाल ही में दिल्ली के आर्टिजन आर्ट गैलरी में अंतरराष्ट्रीय हेरिटेज चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें मुकुंद पुरोहित की ‘आनंदी’ और ‘हिमवंती’ पेंटिंग भी शामिल की गई पेंटिंग में बालिका की चार अवस्थाओं का चित्रण किया गया था, जिसे सभी लोगों ने सराहा।

बता दें कि सीमांत जनपद चमोली के मटई गाव निवासी मुकुंद पुरोहित जी नें आर्ट एंड क्राफ्ट काॅलेज लखनऊ से फाइन आर्ट में डिप्लोमा करने के उपरांत शिक्षा विभाग में बतौर शिक्षक नौकरी शुरू की। जिसके बाद पिथौरागढ, टिहरी, उत्तरकाशी और चमोली के सूदूरवर्ती विद्यालयों में अध्यापन्न करने के बाद प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्ति हुये। मुकुंद पुरोहित सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े है और वर्तमान में जिला न्यायालय चमोली में वकालत कर रहे हैं। वे निरंतर युवा पीढ़ी को इस विधा की ओर प्रोत्साहित करते हैं।

छात्र जीवन से ही पेंटिंग में था लगाव
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य मुकुंद पुरोहित को पेंटिंग के प्रति लगाव छात्र जीवन से ही था। सरकारी सेवा में आने और विभिन्न विद्यालयों में शिक्षण करने के दौरान पहाड़, प्रकृति और जीवन को बेहद करीब से देखा जिसकी छाप इनकी पेंटिंग में दिखाई देती है।

पेंटिंग मे प्रलिक्षित होता है यथार्थ और सजीव चित्रण
मुकुंद राम पुरोहित नें दर्जनों पेंटिंग में सजीव चित्रण किया है। वे अब तक पुत्रदायिनि मां अनसुया, चिपको वूमेन गौरा देवी, तीर्थस्थलो, पर्यटन स्थलो से लेकर धूम्रपान निषेध सहित पहाड़ की धरोहरों की पेंटिंग बनाकर उनके संरक्षण में लगे हुये हैं। वे बेजुबान पत्थरों को अपनी कला से जींवत कर देते हैं, उन्होने पत्थरों पर मूर्तिकला के अनोखे चित्रण किए हैं। उनकी पेंटिंग यथार्थ का बोध तो कराती हैं वहीं सजीव चित्रण भी।