पीड़ित महिलाओ को मिला न्याय, कैसे मिली मदद

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ऊधमसिंह नगर जिले में भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना वन स्टाप सेंटर को एक साल होने जा रहा है, ऐसे में एक साल में कितनी महिलाओ को सेंटर से न्याय मिला।

महिलाओ से सम्बंधित समस्याओं को लेकर भारत सरकार द्वारा वन स्टॉप सेंटर योजना को चलाया गया था। उधमसिंह नगर में दिसम्बर 2017 में इसका शुभारम्भ किया गया था, तब से लेकर अब तक एक साल में जिले की 129 महिलाएं वन स्टॉप सेंटर तक अपनी समस्याओं को लेकर पहुची है, जिसमे से 45 मामलो का निस्तारण भी सेंटर द्वारा किया जा चूका है। पिछले एक सालो में सेंटर में पंजीकृत मामलो में सबसे अधिक घरेलू हिंसा से सम्बंधित है। जिले में 100 मामले वन स्टॉप सेंटर में पंजीकृत है जिसमे से 34 मामलो का काउंसलिंग के माध्यम से निस्तारण किया जा चूका है। यही नही रेप, यौन उत्पीड़न, गुमशुदा, साइबर क्राइम ट्रैफिकिंग सहित अन्य मामलों में भी सेंटर में शिकायत कर मामलो को पंजीकृत किया गया है।

जिले में एक साल में क्या क्या मामले हुए पंजीकृत।
घरेलू हिंसा – 100 34
रेप – 7 0
यौन उत्पीड़न – 12 3
गुमशुदा – 1 1
साइबर क्राइम – 1 1
ट्रैफिकिंग – 3 3
अन्य – 5 3

सेंटर एडमिनिस्टर कविता बडोला ने बताया कि, “पीड़ित महिलाओं को इस सेंटर से कई तरह की सुविधाएं दी जाती है। वन स्टॉप सेंटर का उद्देश्य पीड़ित महिला को एक छत के नीचे सभी तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती है। घरेलू हिंसा से सम्बंधित काउंसलिंग की जाती है, जबकि अन्य मामलों में पीड़िता को कानूनी राय से लेकर कोतवाली थाना चौकी में पैरवी से लेकर कोर्ट तक वन स्टॉप सेंटर सहयोग करता है। यही नही पीड़िता को पंजीकरण से लेकर 5 दिनों तक सेंटर में ही रहने खाने की निःशुल्क व्यवस्थाएं भी उपलब्ध कराई जाती है।