हल्द्वानी के इस रोड पर फुटपाथ का ना होना दे रहा दुर्घटनाओं को दावत

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हल्द्वानी शहर में यातायात पर जिला पुलिस का पूरा कंट्रोल है लेकिन शहर से बाहर रामपुर रोड (एनएच) पर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। अभी भी कुछ जगहें ऐसी है जहां ना तो सरकार का ध्यान जा रहा ना ही कोई कानून चलते नजर आ रहा हैं।

जी हां हम बात कर रहे महानगर हल्द्वानी की जहां अगर यातायात प्रबंधन की बात करें तो सड़के साफ सुथरी और नियम कानून माने जा रहे हैं।लेकिन अगर हल्द्वानी के ही रामपुर रोड की तरफ बढ़े तो यहां की समस्या कुछ और ही है।

राज्य का एक ऐसा सरकारी अस्पताल डॉ.सुशीला तिवारी जो कुमाऊं के लगभग सभी जिलों और आसपास के बहुत से लोगों के लिए एक वरदान समान है।उसके आसापस की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है।रामपुर रोड हल्द्वानी को नए टेंडर मिलने के साथ ही सड़कों की सफाई और सफेद पट्टे से रंगाई भी की जा रही है।लेकिन पैदल चलने वालों के लिए सड़क पर कोई व्यवस्था नहीं है। सड़क के किनारे ना तो पैदल चलने वालों की कोई व्यवस्था है और ना ही साइकिल से चलने वालों के लिए।आलम यह है कि सड़क की हालत इतनी खराब है कि लोगों को मजबूरन अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पर ही चलना पड़ता है।

आए दिन इस रोड पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं पर फिर भी इस सड़क पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा।जहां एक तरफ सफेद पट्टे से सड़क की सजावट के बाद सड़क ज्यादा साफ सुथरी और अच्छी दिखाई दे रही वहीं सड़क के किनारे के हालात अब और साफ नजर आ रहे हैं। बड़े पत्थर और कंकड़ मिट्टी से होने वाली परेशानी की वजह से लोगों को सड़क पर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है,जिसकी वजह से आए दिन लोगों को अंधाधुंध स्पीड में चलने वाली गाड़ियों से टकराकर दुर्घटना का सामना करना पड़ रहा है।

सड़क पर पैदल चलने वालों को होने वाली पेरशानी को लेकर जब हमने पीडब्लूडी यानी की लोक निर्माण विभाग हल्द्वानी से बात की तो चीफ इंजिनियर एनएच और ब्रिज दलिप सिंह नबरियाल ने हमें बताया कि ”हमने रामपुर रोड पर काम शुरु कर दिया है।सीएम से रोड पर सफेज पट्टी और पार्किंग बनाने का बजट मिला है।हालांकि पैदल चलने वालों को होने वाली परेशानी के बार में हमे जानकारी नहीं थी लेकिन अगर उस रोड पर इतनी दुर्घटनाएं हो रही तो बेशक पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाने के विषय में गंभीरता से काम किया जाएगा।उन्होंने कहा कि उस सड़क पर अभी काम चल रहा है और हम पूरी कोशिश करेंगे की जल्दी से जल्दी पैदल और साइकिल पर चलने वाले लोगों की मदद की जा सके।”

ये तो बात थी एक सड़क कि ऐसे बहुत से क्षेत्र है जहां सरकार को पैदल चलने वालों के बारे में सोचना होगा।एक तरफ सरकार जहां साइकिल से चलने के बारे में लोगो को जागरुक कर रहीं वही सड़क पर चलने वालों के लिए जगह तक नहीं है।फिट इंडिया मुहिम में जहां सभी नेता और अधिकारी साइकिल से चलकर जनता को प्रेरणा दे रहे हैं वहीं साइकिल वालों के लिए कोई ट्रैक नहीं है।