प्रवासी पक्षी बने दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र

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हरिद्वार। सर्दी की दस्तक के साथ हरिद्वार में विदेशी पक्षियों ने अपना डेरा जमाना शुरू कर दिया है। शीतकाल में इन दिनों उत्तरी आर्कटिक और साइबेरिया के हजारों प्रवासी पक्षी राजाजी नेशनल पार्क से सटे गंगा के टापू पर अपना डेरा जमा लेते हैं। जिन्हें देखने के लिए हर साल देस और विदेश से पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
हरिद्वार के भीमगौडा बैराज, मिस्सरपुर और सोलानी नदी में भी इस साल भी इन पक्षियों का आना शुरू हो गया है। उत्तराखंड वन विभाग ने इनके संरक्षण को लेकर कई योजनाएं बनाई हैं। वहीं राजाजी पार्क प्रशासन ने भी कई स्थानों पर बर्ड वाचिंग का शौक रखने वाले सैलानियों के लिए कई तरह के इंतजाम किए हैं।
राजाजी नेशनल पार्क से सटे गंगा के टापूओं पर ये पक्षी लगभग तीन माह तक रहते हैं। एसडीओ यूपी सिंचाई विभाग विक्रांत सैनी ने बताया की प्रति वर्ष ये विदेशी पक्षी हरिद्वार आते हैं। ये न केवल हमारे लिए आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
पक्षी वैज्ञानिकों की मानें तो इस बार भी यहां कई प्रजातियों के पक्षी आये हैं। इनके आने का असल कारण किसी को पता नहीं है, लेकिन इसका पता लगाना जरूरी है, ताकि इनको यहां संरक्षण दिया जा सके। प्रदूषण की वजह से भी पक्षी जंगल के बीच जा रहे हैं। मौसम के मिजाज में आये बदलाव से भी इनके आने और जाने के समय में बदलाव आया है और इस बार देखने में आया है कि पक्षी करीब 10 दिन पहले हरिद्वार आ गए हैं।
हरिद्वार के इस क्षेत्र में साइबेरिया और आर्कटिक क्षेत्र से गोल्डन, शेलडक, कॉमन पोचार्ड, गद्वाल, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेबे, पेंटेड स्टोर्क, नोर्थान पिनटेल जैसे सैकड़ो पक्षी सहित कई पक्षियों की प्रजातियां वार्षिक प्रवास पर यहां आती है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि बीते कुछ सालों में गंगा में आई बाढ़ की वजह से हुई तबाही और ग्लोबल वार्मिंग के चलते यहां के हालात बदल चुके हैं। ऐसे में यहां प्रवासी पक्षी कम ही आ रहे थे। लेकिन इस बार एक बार फिर काफी संख्या में प्रवासी पक्षी यहां आए हैं। जिससे वन विभाग और बर्ड वाचर के लिए नयी उम्मीद जगी है।