महात्मा गांधी की हत्या की एफआईआर उर्दू में हुई थी दर्ज

0
657

नई दिल्ली, नई दिल्ली जिला स्थित तुगलक रोड थाने में महात्मा गांधी को गोली मारने के बाद केस दर्ज किया गया था। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 30 जनवरी 1948 की शाम करीब 5.10 बजे बिड़ला हाउस में एक के बाद एक तीन गोलियां चली। गोली नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी पर चलाई थी। घटना के दौरान वहां से गुजर रहे साइकिल सवार एक व्यक्ति ने इसकी जानकारी तुगलक रोड थाने में जाकर दी, जहां इस हत्या को लेकर एफआईआर दर्ज की गई।

उक्त थाने में बीते 71 वर्ष से उर्दू में दर्ज हुई उस एफआईआर को संभालकर रखा गया है। जानकारी के अनुसार नाथूराम गोडसे ने बिड़ला भवन में जाकर महात्मा गांधी की हत्या की थी। उसने पहले उन्हें झुककर प्रणाम किया और फिर एक के बाद एक तीन गोलियां उनके सीने में उतार दी। उस समय थाने में टेलीफोन की सुविधा नहीं होती थी।

इसलिए एक व्यक्ति ने साइकिल पर जाकर तुगलक रोड थाने में घटना की सूचना पुलिस को दी। उसके बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। वहां से ही पुलिस ने आरोपित नाथूराम गोडसे को गिरफ्तार किया था।

उर्दू में हुई एफआईआर
पुलिस के अनुसार हत्या के समय महात्मा गांधी के साथ उनके करीबी नंदलाल मेहता मौजूद थे। उन्होंने पुलिस को पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। उनके ही बयान पर तुगलक रोड थाने में हत्या की एफआईआर दर्ज की गई थी। उस समय इसे उर्दू में लिखा गया था। बाद में इसका हिंदी व अंग्रेजी में रूपांतरण किया गया। आजादी से पहले बने इस थाने में आज भी उर्दू की इस एफआईआर को संभालकर रखा गया है। इसे लेमिनेट करके रखा गया है ताकि उसका पेपर खराब न हो सके।

इसी थाने की हवालात में रखा गया था गोडसे को
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गिरफ्तारी के बाद नाथूराम गोडसे को तुगलक रोड थाने में लाया गया। यहां पर गोडसे को थाने की हवालात में रखा गया। यह हवालात आज भी वैसी ही है। यहां पर ही गोडसे से हत्या को लेकर पुलिस ने पूछताछ की थी।