हाथीदांत तस्करों की निशानदेही पर 42 लाख की मूर्तियां और बरामद

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कोलकाता, हावड़ा जिला स्थित सांतरागाछी रेलवे स्टेशन के पास से डीआरआई की टीम ने हाथीदांत की तस्करी करने वाले दो आरोपितों बाप-बेटी को गिरफ्तार किया था। उन दोनों से हुई पूछताछ और उनकी निशानदेही पर टीम ने 42 लाख रुपये के हाथी दांत की और मूर्तियां बरामद की हैं, ये बरामदगी मुर्शिदाबाद के जियागंज से की गई है।

बुधवार को केंद्रीय खुफिया राजस्व ब्यूरो के पूर्वी क्षेत्रीय उप निदेशक पार्थ प्रतिम बसु ने बताया कि डीआरआई की टीम ने 1.03 करोड़ रुपये के हाथी दांत की मूर्तियों के साथ आरोपित बाप-बेटी सुदेश चंद्र बाबू और अमिता एससी बाबू को गिरफ्तार किया था।

इन दोनों से पूछताछ के बादमुर्शिदाबाद के जियागंज स्थित भाटपाड़ा में गौतम भास्कर घर डीआरआई की टीम ने छापा मारा। वहां हाथी दांत से बनी मूर्तियों के अलावा अन्य सामान भी बरामद हुए हैं। मूर्तियों की कीमत करीब 42 लाख रुपये आंकी गई है।आरोपित अमिता एससी बाबू और सुदेश गौतम को हाथी दांत की मूर्तियां समेत अन्य सामानों का आर्डर देते थे। आर्डर पूरा करने पर उसे भुगतान कर ले जाते थे। आरोपित भास्कर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

पार्थ प्रतिम बसु के अनुसार, आरोपित बाप-बेटी एक कार में छिपाकर हाथी दांत की मूर्तियां व अन्य सामान डिलीवरी के लिए कोलकाता ला रहे थे। इन देानों को सांतरागाछी रेलवे स्टेशन के पास कोना एक्सप्रेस-वे और कैरी रोड जंक्शन के पास गिरफ्तार कर लिया गया। बरामद हाथी दांत का कुल वजन 3.144 किलोग्राम है, जिसका अनुमानित मूल्य 30.93 लाख रुपये है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों आरोपितों ने बताया कि कच्चे हाथी दांत, हाथी सूंड व इसकी हड्डियां एवं इससे तैयार कुछ मूर्तियां कोलकाता के राजडांगा मेन रोड में स्थित उनके आवासीय परिसर में रखे हैं। केरल से इन हाथी दांतों आदि को मंगाकर मूर्तियां तैयार कर इसे सिलीगुड़ी के रास्ते नेपाल भेजने की योजना थी।

आरोपितों की निशानदेही पर डीआरआई टीम ने वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों के साथ मिलकर मंगलवार दोपहर राजडांगा में उनके घर की तलाशी ली, तो विभिन्न देवी-देवताओं की 10 मूर्तियां, दो मूर्तियों का ढांचा, एक पैकेट ज्वेलरी, नौ पैकेट हाथी दांत के कटे हुए टुकड़े, चार पैकेट हाथी दांत का डस्ट और एक कंघा बरामद किया गया। आवासीय परिसर से जब्त मूर्तियां और हाथी दांत के सामानों का कुल अनुमानित मूल्य 72.35 लाख रुपये है। दोनों मिलाकर कुल 1.03 करोड़ की मूर्तियां व हाथी दांत बरमाद किया गया। बाप-बेटी ने मौद्रिक लाभ के लिए तस्करी के इस कारोबार में शामिल होने की बात स्वीकार की है। मूर्तियों का निर्माण भी उनके आवासीय परिसर में किया गया था।