बेंगलुरु एफसी के लिए तुरूप का इक्का साबित हुए भारतीय खिलाड़ी

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मुम्बई। बेंगलुरु एफसी बिना किसी शक के हीरो इंडियन सुपर लीग चैम्पियन बनने के हकदार थे। रविवार को बेंगलुरु ने एफसी गोवा को 1-0 से हराकर पहली बार यह खिताब जीता और उसकी 1-0 की जीत के हीरो भारतीय खिहुल भेके रहे, जिन्होंने अपने करियर का सबसे बेशकीमती गोल करते हुए दूसरे प्रयास में ही बेंगलुरु को चैम्पियन का ताज पहना दिया।

बेंगलुरु को यह जीत हालांकि आसानी से नहीं मिली क्योंकि गोवा ने बेहतरीन खेल दिखाया। सुपर कप विजेता बेंगलुरु ने पूरे सीजन के दौरान अपने प्रदर्शन की निरंतरता को बनाए रखा और सही समय पर सटीक हमला करते हुए गोवा को दूसरी बार खिताबी जीत से महरूम रखा।

बेंगलुरु ने खिताब तक के सफर में विपक्षी टीम के हर सवाल का सटीक जवाब दिया। इश टीम ने दबाव में अच्छा खेल दिखाया और काउंटर अटैक का बेहतरीन नजारा पेश किया। कई मौकों पर विपक्षी टीम उस पर हावी होती दिखी लेकिन इसके बावजूद इस टीम ने दबाव को झेलते हुए खिताब तक का रास्ता तय किया। सुनील छेत्री और एरिक पार्टालू जैसे खिलाड़ियों के रहते बेंगलुरु ने कई मौकों पर अहम जीत हासिल की। इसी तरह का एक वायया गोवा के साथ हुआ था लेकिन 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रहे होने के बावजूद उसने 3-0 की यादगार जीत हासिल की थी।

बेंगलुरु टीम में शामिल भारतीय खिलाड़ियों ने पूरे सीजन के दौरान शानदार खेल दिखाया। दूसरी टीम में शामिल भारतीय खिलाड़ी इस तरह की चमक नहीं दिखा सके। उदांता सिंह, सुनील छेत्री, राहुल भेके, गुरप्रीत सिंह संधू ने आगे आकर टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी ली और उसकी खिताबी जीत के नायक बने। उदांता ने इस सीजन में पांच गोल किए और इस छोर की जिम्मेदारी को बखूबी सम्भाले रखा। छेत्री ने कप्तान के तौर पर बेहतरीन काम किया और गुरप्रीत ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीता। भेके ने अतिरिक्त समय में गोल करते हुए पेनाल्टी शूटआउट की सम्भावना को टाल दिया, जिसमें कुछ भी हो सकता था।